
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के शिकोहपुर में हुए विवादित जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में वाड्रा के अलावा कई अन्य कंपनियों और व्यक्तियों के नाम भी शामिल किए गए हैं. इतना ही नहीं, ईडी ने 36 करोड़ की 43 प्रॉपर्टी भी अटैच कर ली हैं.
ये मामला साल 2018 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रियल एस्टेट कंपनी DLF, एक प्रॉपर्टी डीलर और वाड्रा के खिलाफ दर्ज FIR से जुड़ा है, जिसमें भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. अब इस केस में नई चार्जशीट दाखिल होने के बाद 18 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है.
7.5 करोड़ में खरीदी, 58 करोड़ में बेची
चार्जशीट के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी. बाद में, बिना परियोजना शुरू किए ही ये जमीन DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई. आरोप है कि हरियाणा सरकार ने इस भूमि का म्यूटेशन अनियमित तरीके से किया और फिर उसे कमर्शियल कॉलोनी में बदलने की अनुमति दी गई.
वाड्रा की कंपनी को लाइसेंस दिए जाने के बाद जमीन की कीमतें अचानक कई गुना बढ़ गई और फिर ये जमीन भारी मुनाफे पर बेच दी गई. बाद में हुड्डा सरकार ने इस परियोजना का लाइसेंस सीधे DLF को ट्रांसफर कर दिया. ईडी का आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ.
18 घंटे से ज्यादा पूछताछ
ईडी ने इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 18 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है. इसके साथ ही कांग्रेस से जुड़े कई अन्य नेताओं से भी पूछताछ की गई है, जिनके बयानों को चार्जशीट में शामिल किया गया है. हालांकि अभी तक वाड्रा या उनकी पत्नी प्रियंका गांधी को आरोपी के तौर पर नामित नहीं किया गया है, लेकिन उनकी संपत्ति लेन-देन का विवरण दस्तावेजों में दर्ज है.
अमीरपुर जमीन सौदे पर भी नजर
ईडी ने अपनी जांच में ये भी बताया है कि वाड्रा ने 2005-06 में दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से 334 कनाल (करीब 40.08 एकड़) जमीन खरीदी और फिर 2010 में वही जमीन पाहवा को वापस बेच दी. इसी तरह प्रियंका गांधी ने भी 2006 में पाहवा से 40 कनाल (5 एकड़) जमीन खरीदी थी और उसे 2010 में लौटा दिया था.
खेमका ने किया था खुलासा
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हरियाणा कैडर के चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे की अनियमितताओं का खुलासा किया था. इसके बाद, 2018 में हरियाणा पुलिस ने केस दर्ज किया और ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच शुरू की. इस केस में पहले ही यूएई के व्यापारी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. ईडी का दावा है कि इन सभी का संबंध संदिग्ध जमीन सौदों और मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से है.