भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने ट्रंप से मांगी मदद, बोला- ‘खुद से बड़े मुल्क के साथ जंग नहीं चाहते…’

नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान के बीच तनाव की उठती लपटों को लेकर पाकिस्तान के अमेरिका में राजदूत रिजवान सईद शेख ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की है कि वे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करें। उनका कहना है कि जैसे राष्ट्रपति ट्रंप यूरोप और मिडिल ईस्ट में संघर्ष सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, वैसे ही उन्हें साउथ एशिया में भी अमन की बहाली के लिए कदम उठाने चाहिए।
‘अमेरिका को करना होगा गंभीर प्रयास’
अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक को दिए एक इंटरव्यू में रिजवान सईद ने कहा, “हमारे पास ऐसा राष्ट्रपति है, जो इस दौर-ए-हुकूमत में दुनिया में अमन के लिए खड़ा हो, जंग को खत्म करने, टकराव को रोकने और मसलों को हल करने का इरादा रखता हो, तो कश्मीर से ज्यादा अहम और खतरनाक (खासकर न्यूक्लियर लिहाज से) कोई दूसरा फ्लैश पॉइंट नहीं हो सकता।”
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने जोर देकर कहा है कि ट्रंप प्रशासन को भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव को खत्म करने के लिए पहले के अमेरिकी प्रयासों से कहीं ज्यादा गंभीर और लगातार कोशिशें करनी होंगी।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक ऐसा मौका है जब हालात को केवल तात्कालिक टकराव खत्म करने तक सीमित न रखकर, स्थायी हल की तरफ बढ़ा जाए।”
कश्मीर को बताया झगड़े की जड़, स्थायी हल की वकालत
राजदूत शेख ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच सभी समस्याओं की बुनियादी वजह है। उन्होंने कहा, “जब तक कोई आखिरी समझौता नहीं हो जाता और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक समाधान लागू नहीं होता, तब तक यह मसला बार-बार हमारे सामने आता रहेगा।”
शेख ने अमेरिका और दुनिया के अन्य मुल्कों से इस विवाद में “सक्रिय किरदार” निभाने की अपील की, ताकि इस मसले का हल निकाला जा सके और क्षेत्र में अमन कायम हो सके।
‘पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं’
राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान की नीयत लड़ाई की नहीं, बल्कि अमन की है। उन्होंने कहा, “हम जंग नहीं चाहते, खासतौर पर किसी बड़े मुल्क के साथ। अमन हमारी आर्थिक तरक्की और हमारी कौमी सोच के हक में है।”
“अगर हम पर जंग थोप दी गई तो हम जिल्लत के साथ जीने के बजाय इज्जत के साथ मरना पसंद करेंगे।” रिजवान सईद शेख, अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत
शेख ने पाकिस्तान के रुख को दोहराते हुए कहा है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई हमला पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है, फायदा नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त अपनी विदेश नीति में एक साफ और सोची-समझी तब्दीली ला रहा है, जियो-पॉलिटिक्स से जियो-इकोनॉमिक्स की तरफ।
राजदूत ने दावा किया कि यह हमला एक “झूठा झंडा अभियान” (False Flag Operation) भी हो सकता है, यानी जानबूझकर पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि उनके पास इस आरोप को साबित करने के लिए अभी ठोस सबूत नहीं हैं।
सिंधु जल संधि को लेकर कहा ‘पानी रोकना जंग के बराबर’
भारत की ओर से हाल ही में सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित किए जाने को लेकर पाकिस्तानी राजदूत शेख ने चेतावनी दी कि अगर पानी को रोकने की कोई भी कोशिश की गई या ऐसी कोई ‘झलक’ भी मिली, तो इसे पाकिस्तान के लिए “जंग का एलान” माना जाएगा।
उन्होंने कहा, “प्रैक्टिकली पानी रोकना मुश्किल है, लेकिन अगर मामला 25 करोड़ लोगों की सलामती का हो, तो फिर कोई भी रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
‘इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है पाकिस्तान’
वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने न्यूजवीक को दिए बयान में कहा कि आतंकियों को जल्द ही सजा दिलाई जाएगी। भारतीय दूतावास ने अमेरिका में पाकिस्तान राजदूत शेख की बातों को “इतिहास को फिर से गढ़ने और तथ्यों को छिपाने की घटिया कोशिश” बताया।