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उप मुख्यमंत्री अरुण साव भुवनेश्वर में आयोजित कलिंगा साहित्य महोत्सव में हुए शामिल

Deputy Chief Minister Arun Saw participated in the Kalinga Literature Festival organized in Bhubaneswar

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित कलिंगा साहित्य महोत्सव (KLF 2025 ) में उप मुख्यमंत्री अरुण साव शामिल हुए। महोत्सव में साव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ वासियों पर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा साथ है।

इस शानदार आयोजन के माध्यम से भारत के संस्कार और सभ्यता को आगे बढ़ाने के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह मनुष्य को सच से साक्षात्कार कराता है। इतिहास से सीख और भविष्य का बोध कराता है।

दुनिया बिना साहित्य के नहीं हो सकती है। साहित्य के बिना समाज की कल्पना नहीं कर सकते। आज साहित्य संचय का तरीका बदल गया है। आज भी लाइब्रेरी प्रासंगिक है लेकिन उसका स्थान मोबाइल और लैपटॉप ने लिया, इसमें पूरा साहित्य समाहित हो गया है। उन्होंने कहा कि, साहित्य लेखन के प्रकार बदल गए हैं। आधुनिकीकरण का समावेश देखने को मिल रहा है।

साव ने कहा कि, जानवर और इंसान में अंतर है। इंसानों की तरह जानवर बोल नहीं पाता है। इसी तरह साहित्य के बिना समाज अधूरा है। समाज की भाषा साहित्य है। यह उनकी अभिव्यक्ति का माध्यम है। और इसका सीधा संबंध भाषा से है। हमारे देश में भाषाओं की विविधता है। उड़िया एक समृद्ध भाषा है, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि, ओडिशा और छत्तीसगढ़ का रोटी बेटा का संबंध है। दोनों राज्य भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साथ ही हमारी भाषा, खान पान और वेशभूषा में समानता देखने को मिलती है। दोनों राज्यों में और भी बहुत सारी समानता है।

छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उड़िया भाषी मेरे भाई-बहन रहते हैं। और छत्तीसगढ़ के लोग भी बड़ी संख्या में ओडिशा में निवास करते हैं, और वे छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ओडिशा से हमारा अटूट संबंध है।

उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि, सम्मेलन में अनेक देशों के प्रतिनिधि आए हैं। भारत ने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है। सबका सम्मान और आदर किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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