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KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : कश्ती वहां डूबी, जहां पानी कम था…

KHABAR CHALISA SPECIAL Sneak peek: The boat sank where there was less water…

नगरीय निकाय के बाद पंचायत चुनाव में भाजपा को तकरीबन जीत मिल रही है। मगर कई जिलों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। कई भाजपा के एमएलए ने अपने ही प्रत्याशियों को हराने का काम किया है।

अभनपुर के विधायक पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के अधिकृत समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया और हर स्तर पर अलग से प्रत्याशी खड़े किए। इसका नतीजा यह हुआ कि अभनपुर के चारों जिला पंचायत सदस्य हार गए।

रायपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष पर भी उंगलियां उठ रही है। कांग्रेस से भाजपा में आए दो बड़े नेता वेदराम मनहरे और चंद्रशेखर शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा।

शुक्ला अपने प्रभाव वाले इलाकों में बढ़त पर थे। उनके समर्थकों ने खुशियां मनानी शुरू कर दी थी। मगर भाजपा के प्रभाव वाले तीन गांवों में वो पिछड़ गए, और हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा को हार का सामना करना पड़ा। खुद पूर्व सीएम भूपेश बघेल, डॉ चरणदास महंत के इलाके में भी कांग्रेस को निकायों और पंचायतों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है।

मंत्रीजी का फरमान

नगरीय निकाय और फिर पंचायत चुनाव में जीत के बाद मंत्रीजी के ताजा फरमान से निर्माण विभाग हिल गया। बताते हैं कि पहले बिना चूं चपड़ के मंत्रीजी को एक फीसदी हिस्सा मिलता रहा है। मगर अब मंत्रीजी ने यह हिस्सा बढ़ाकर तीन फीसदी कर दिया है।

चर्चा है कि आला अफसरों और कुछ बड़े ठेकेदारों ने मंत्रीजी के क़रीबियों तक अपनी बात पहुंचाई है।  यह समझाने की कोशिश हुई है कि टेंडर आन लाइन  होता है। इसमें पसंदीदा ठेकेदारों को काम देने की गुंजाइश नहीं है।मगर मंत्रीजी की तरफ से आश्वस्त किया गया कि  टेंडर को लेकर परेशानी नहीं आएगी।

मंत्रीजी की स्थापना में वैसे भी दागी बागी टाइप के लोग हैं, जो कि कई विभागों में गुल खिला चुके हैं। मगर मंत्रीजी के ताजा फरमान पर अमल किस तरह से होता है, यह देखने वाली बात होगी।

सीनियर एमएलए को झटका

सरकार के नए नवेले मंत्रियों के‌ तेवर देखकर पार्टी के सीनियर एमएलए भी हैरान हैं। पिछले दिनों एक सीनियर एमएलए, जो संवैधानिक पद पर रह चुके हैं, वो एक कारोबारी को लेकर  मंत्रीजी से मिलने पहुंचे।

चर्चा है कि कारोबारी की एक कालेज खोलने की मंशा थी। पहली ही मीटिंग में मंत्री ने अपने सीनियर एमएलए को कालेज खोलने से मान्यता तक का पूरा चार्ट दे दिया।

चूंकि कालेज की मान्यता से परे फीस विनियामक आयोग से तय होते हैं, इसलिए विभाग की दखल काफी रहती है। मगर मंत्रीजी ने अपने सीनियर का लिहाज किए बिना जिस अंदाज में चार्ट थमाया। उसने सीनियर एमएलए और कारोबारी, दोनों की बोलती बंद हो गई। अब एमएलए विधानसभा सत्र में मंत्री जी को जवाब देने का मन बनाया है।

कोयला कारोबारी की हालत गंभीर

खबर है कि रायपुर सेंट्रल जेल में पिछले दो साल से बंद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की हालत गंभीर है।

अदालत से राहत नहीं मिलने और जेल प्रशासन की सख्ती से स्थिति बिगड़ रही है। सूर्यकांत के कांग्रेस के अलावा भाजपा में भी शुभचिंतक हैं, जो कि आने वाले दिनों में सब कुछ सामने ला सकते हैं। यानी हाईप्रोफाइल विचाराधीन बंदियों का मामला सुर्खियों में आ सकता है।

सरकार का पलटवार

राईस मिल एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अंदर की खबर यह है कि एसोसिएशन ने पदाधिकारियों ने पहले सरकार को आंखें दिखाई।

मिलिंग बंद कर दिया था और फिर सरकार झुकाने की कोशिश हुई। सरकार की तरफ से ऐसा पलटवार हुआ कि मिलर्स पदाधिकारी अब तक झटके से उबर नहीं पाए हैं।

मिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश अग्रवाल के भतीजे का मिल सील कर दिया गया। सभी प्रमुख पदाधिकारी के मिलों में छापे डाले गए।

पदाधिकारियों ने सरकार के लोगों से बात की, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ। ऐसी चर्चा है कि पदाधिकारियों ने ‘अपनों’ से ही काफी कुछ एकत्र किया था। बाद में सफाई देते घुमते रहे।  आखिरकार सबने एक साथ पद छोड़कर मिलर्स की राजनीति से तौबा कर लिया।

रेणुका सिंह ने दिखाई ताकत

भरतपुर सोनहत के विधायक रेणुका सिंह ने अपनी बेटी मोनिका सिंह को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जिताकर अपनी ताकत दिखाई है।

रेणुका सिंह अपनी बेटी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कराना चाहती थी लेकिन सूरजपुर जिले के नेता तैयार नहीं हुए। प्रेम नगर के विधायक भुलन सिंह मरावी, भीमसेन अग्रवाल, बाबूलाल गोयल और अन्य नेता एक राय होकर अन्य प्रत्याशी को जिताने में लगे रहे, लेकिन रेणुका सिंह ने बेटी को जिताकर पूरे जिले के नेताओं को झटका दिया है।

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