चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिले डॉ. एस जयशंकर, कैलाश मानसरोवर यात्रा सहित इन चीजों को लेकर हुई बात
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नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में चल रही जी-20 बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच सीधी उड़ानों तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर एक सार्थक चर्चा की गई। इस मुलाकात के बारे में खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि जोहान्सबर्ग में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक से आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिलने का अवसर मिला।
विदेश मंत्रालय का बयान आया सामने
नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने नवंबर में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा की। उन्होंने कि दोनों मंत्रियों ने इस दौरान विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर भी बात की।
विदेश मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बैठक के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन, कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी उड़ान कनेक्टिविटी की बहाली और यात्रा सुविधा पर चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
विदेश सचिव ने किया था चीन का दौरा
जानकारी दें कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसी साल 26-27 जनवरी को भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र की बैठक के लिए बीजिंग का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक में सहमति बनी थी, दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधों को स्थिर करने तथा पुनर्निर्माण के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।
फिर से शुरू होगी मानसरोवर यात्रा
विदेश मंत्रालय ने बताया था कि दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया। संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार ऐसा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगा।बता दें कि भारत उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे और सिक्किम में नाथू ला दर्रे के माध्यम से जून और सितंबर के बीच हर साल केएमवाई का आयोजन करता है।2020 में महामारी और गलवान संघर्ष के कारण उड़ानें निलंबित होने से पहले दोनों देशों के बीच प्रति माह 539 सीधी उड़ानें थीं। इस दौरान कुल सीट क्षमता 1.25 लाख से अधिक थी।
इसी साल हुई थी महत्वपूर्ण घोषणा
इस साल जनवरी में बीजिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बैठक के बाद एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। जिसके तहत दोनों देशों के बीच सीधी हवाई यात्राओं की शुरुआत होगी और कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू करने पर बात बनी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के संबंधित तकनीकी अधिकारी जल्द ही इस उद्देश्य के लिए एक अद्यतन रूपरेखा पर बैठक और बातचीत करेंगे।