SHARE MARKET : शेयर बाजार में गिरावट, रुपये की कमजोरी, जानिए आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर

SHARE MARKET: Fall in share market, weakness of rupee, know what effect it will have on your pocket.
रायपुर। भारतीय रुपये और शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 57 पैसे टूटकर 86.61 (अस्थायी) प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। यह दो साल की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। वित्तीय विशेषज्ञ जेफरीज का अनुमान है कि मिड-टर्म में रुपया 88 तक गिर सकता है।
रुपये की गिरावट के पीछे कारण –
विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में कमजोरी का मुख्य कारण भारत से विदेशी निवेशकों का पैसा निकालना है। वैश्विक निवेशक अपनी रणनीतियों के तहत विभिन्न देशों में निवेश पुनर्गठित कर रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत मापता है, बढ़कर 109.01 पर पहुंच गया है। 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में भी तेजी (4.69%) ने भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ाया है।
रुपया कमजोर होने का प्रभाव –
महंगाई में वृद्धि: रुपये की कमजोरी से आयात महंगा हो जाएगा। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से पेट्रोल-डीजल और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।
विदेश यात्रा और शिक्षा: विदेश यात्रा और पढ़ाई का खर्च बढ़ जाएगा, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य गिर रहा है।
व्यापार घाटा: आयात महंगा होने से व्यापार घाटा बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा।
निर्यातकों को लाभ: रुपये की कमजोरी से निर्यातकों को फायदा होगा, क्योंकि उनके उत्पाद विदेशी बाजार में सस्ते हो जाएंगे।
शेयर बाजार: विदेशी निवेशकों द्वारा धन निकासी से शेयर बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
कैसे तय होती है मुद्रा की कीमत? –
विदेशी मुद्रा बाजार में किसी भी मुद्रा की कीमत उसकी मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती है। जब किसी मुद्रा की मांग बढ़ती है, तो उसकी कीमत बढ़ती है, और जब मांग घटती है, तो कीमत में गिरावट होती है।
विशेषज्ञों ने रुपये की स्थिरता के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की है ताकि महंगाई पर नियंत्रण रखा जा सके और आम जनता पर इसका असर कम से कम हो।