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CG NEWS : प्रियंवदा सिंह जूदेव ने सीएम विष्णु देव साय से की मुलाकात, महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने का किया वादा

CG NEWS: Priyamvada Singh Judev met CM Vishnu Dev Sai, promised to work for women’s rights.

रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जशपुर राजपरिवार के सदस्य दिलीप सिंह जूदेव की बड़ी बहू और राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा सिंह जूदेव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि वे महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के लिए काम करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, “मैं महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करना चाहती हूं और उनके सम्मान के लिए लड़ना चाहती हूं। मैं छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

इस मुलाकात के बाद राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा सिंह जूदेव ने कहा, “मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से मुलाकात कर महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए काम करने की बात कही। उन्होंने मेरी बात सुनी और समर्थन देने का वादा किया।” यह मुलाकात महिलाओं के अधिकारों के लिए एक नई दिशा में पहल की शुरुआत कर सकती है।

बता दे कि प्रियंवदा सिंह जूदेव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं। यहाँ उनका जीवन परिचय है –

शौक्षणिक योग्यता –

1. मोर्डन स्कूल बारा खम्बा रोड, नई दिल्ली

2. गारगी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

अनुभव –

पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष, जशपुर (छ०ग०)

2013 से 2018 के विधान सभा चुनाव में सक्रिय सहभागिता

पति का नाम –

स्व. शत्रुंजय प्रताप सिंह जुदेव
पूर्व उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद जसपुर छत्तीसगढ़

ससुर जी –

स्व. कुमार दिलीप सिंह जुदेव
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री वन एवं पर्यावरण भारत सरकार
सांसद राज्य सभा अविभाजित मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़
पूर्व सांसद लोक सभा जांजगीर एवं बिलासपुर

1. उपलब्धी 12023 विधान सभा चुनाव में गणेश राम भगत के बगावत से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए पहली बार चुनाव प्रचार में उतरकर तीनो विधान सभा जशपुर कुनकुरी पत्थलगांव में सक्रिय होकर जीत सुनिश्चित किया।

2. 2013 से लगातार 2024 के सभी विधान सभा लोकसभा पंचायत व पालिका चुनाव में सक्रिय सहभागिता निभाया।

3. 2015 में नगरपालिका की निरविरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित होने पर नगरीय क्षेत्र में मुलभुत सुविधाओं के लिए विशेष प्रयास किया।

4. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को प्रदेश में रहकर बेटियों की शिक्षा और कन्ध्रा भ्रुण हत्या के विरोध में पुरे प्रदेश में जागरूकता अभियान का संचालन किया।

5. बगीचा में डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए जल सत्याग्रह को रोकने के लिए डोड़की नदी को पार कर आंदोलन समाप्त किया और तीन करोड़ की लागत से वृहद् पुल का निर्माण किया।

6. विपक्ष की भूमिका के दौरान लगातार जन संपर्क पद यात्रा धरना करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में बड़ा योगदान रहा।

7. राष्ट्र सेविका समिति के संवर्धिनी आयाम के प्रान्त के सहप्रमुख का दायित्व है.

8. Ministry of tourism (भारत सरकार) में रामायण सर्किट के चेयरमैन राम अवतार शर्मा जी के साथ जशपुर को रामायण सर्किट से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय लेवल पर प्रयास किया।

9. लोगों की मांग पर सनातन धर्म को मजबूत करते हुए

– छठ घाट निर्माण कराया
– सूर्य मंदिर की नींव रखकर निर्माण कार्य शुरू
– शारदा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।

दादाजी का नाम – स्व. कुंवर डॉ. बसंत नारायण सिंह

दादाजी का राजनैतिक सफर – सदस्य : बिहार विधानसभा 1952 से 1962, 1967 से 1974 (18 वर्ष)

सदस्य – लोक सभा 1962 से 1967 (हजारीबाग) 1977 से 1984 (12 वर्ष)

नेता – बिहार जनसंघ विधायक दल (1973 से 1975)

प्रदेश अध्यक्ष – बिहार जनसंघ (1975 से 1977) बिहार सरकार के महत्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री (1968 से 1971)

दादीजी का नाम – स्व. कुंवरानी विजया राजे

दादीजी का राजनैतिक सफर – सदस्य :- प्रथम राज्यसभा 1952 से 1957 (6 वर्ष)

सदस्य – लोकसभा (चतरा, 1957 से 1971 ) (15 वर्ष) (लगातार तीन बार निर्वाचित)

परदादीजी का नाम एवं राजनैतिक सफर – स्व. राजमाता शशांक मंजरी देवी

राजनैतिक सफर – सदस्य : बिहार विधानसभा 1957 से 1962 (10 वर्ष)
1977 से 1982
सदस्य लोकसभा 1962 से 1967 (5 वर्ष)
बिहार सरकार में सिंचाई मंत्री 1969

रामगढ़ राजपरिवार की विशेष उपलब्धियाँ –

रामगढ़ राजपरिवार ने 1947 में राजा रामगढ़ के नेतृत्व में अपनी राजनीतिक पार्टी बनाइ थी, जो बिहार में श्जनता पार्टी‍ के नाम से विख्यात थी।
रामगढ़ राजपरिवार देश का पहला ऐसा परिवार था जिसने चुनाव प्रचार में हेलीकॉप्टर के द्वारा प्रचार किया।
रामगढ़ राजपरिवार ने भूदान आन्दोलन में दो लाख एकड़ भूमि दान में दी, जब स्व. विनोबा भावे रामगढ राज्य आए थे।
रामगढ़ राजपरिवार के सदस्यों ने भारतीय संसद एवं बिहार विधानसभा में लगभग दो दशक तक लगातार प्रतिनिधित्व किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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