Kolkata News: अपराजिता विधेयक का विरोध कर रहे डॉक्टर, कहा – सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसे हथकंडा अपना रहे

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Kolkata News: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। हालांकि, राज्य में ही इस विधेयक का विरोध शुरू हो गया है। आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के खिलाफ आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बताया है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि आरजी कर कांड में अपनी भूमिका को लेकर राज्य सरकार सवालों के घेरे में है, इसलिए सस्ती लोकप्रियता के लिए वह इस तरह का हथकंडा अपना रही है। इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।

क्या है अपराजिता विधेयक?

विधेयक में दुष्कर्म के मामले की 21 दिन में जांच पूरी करने, पीड़िता के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषियों के लिए फांसी की सजा देने जैसे प्रावधान हैं। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है।

इस विधेयक में हाल में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 की विभिन्न धाराओं में संशोधन कर प्रावधानों को और सख्त किया गया है। अपराजिता विधेयक बीएनएस कानून से ज्यादा कड़ा है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

 

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