NEW RULES : कावड़ यात्रा के रास्ते में हर खाने वाली दुकान या ठेले में होगा मालिक का नाम, सरकार के फरमान से सियासी उबाल
NEW RULES: Every food shop or cart on the way to Kavad Yatra will have the name of the owner, political turmoil due to the government’s order.
उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा को लेकर एक नया नियम जारी किया है. आदेश के अनुसार, अब कावड़ यात्रा के रास्ते में हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले.
आदेश जारी कर कहा गया है कि, “यह फैसला कावड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए लिया गया है, ताकि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे. इसलिए इसका निर्देश दिया गया है और सब इसका स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं.
कहां से शुरू हुआ मामला? –
विश्व की सबसे बड़ी यात्रा कावड़ यात्रा शुरू हो चुकी है और कावड़ यात्रा के साथ ही प्रशासन भी व्यवस्थाओ में जुट गया है. पिछले वर्ष कावड़ यात्रा के समय मुजफ्फरनगर के बघरा में स्तिथ आश्रम के संचालक स्वामी यशवीर महाराज ने राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्थित होटल ढाबो के मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा हिंदू देवी देवताओं के नाम पर आधारित नाम रखने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी. इस बार भी स्वामी यशवीर महाराज ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर मुस्लिम होटल संचलको के नाम मोटे अक्षरों में अंकित करने की मांग की थी.
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भी प्रशासनिक अधिकारियों को होटल ढाबो पर मुस्लिम संचालकों के नाम अंकित करने के निर्देश दिए थे. कावड़ यात्रा 2024 शुरू होते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बार फिर से सभी होटल ढाबों के संचालकों को निर्देश दिए हैं कि अपने होटल के बाहर अपने नाम मोटे अक्षरों में अंकित करें, इसके साथ ही इस बार कावड़ मार्ग पर पड़ने वाले फलों के ठेले पर भी मुस्लिम ठेले वालों के नाम लिस्ट लगाकर चिपकाए जा रहे हैं.
एसएसपी ने क्या कहा? –
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि कावड़ यात्रा शुरू हो चुकी है और हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर कावड़ मार्ग है, इसमें जितने भी खान-पान के होटल ढाबे या ठेले, जहां से भी कावड़िया अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि काम करने वाले या संचालकों के नाम वहां जरूर अंकित करें. ताकि किसी भी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी को न रहे और कहीं भी ऐसी स्थिति ना बने की आरोप प्रत्यारोप लगे और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति बने.