CG BIG NEWS : बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले में मंतूराम पवार और अन्य आरोपियों की याचिका का निपटारा

CG BIG NEWS: Disposal of the petition of Manturam Pawar and other accused in the much talked about Antagarh tape case.
बिलासपुर। बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंतूराम पवार और अन्य आरोपियों की याचिका का निपटारा कर दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान शासन ओर से बताया गया कि पंडरी थाने में इस केस को लेकर दर्ज एफआईआर का खात्मा हो चुका है। पूर्व में हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने की मांग को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी थी।
शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच को बताया कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत, स्व. अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता और मंतूराम पवार पर धोखाधड़ी और पैसों के प्रलोभन और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत पंडरी थाने में दर्ज मामले में जांच पूरी करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है।
अंतागढ़ विधानसभा सीट पर 12 सितंबर 2014 को उपचुनाव हुआ था। उपचुनाव की घोषणा के बाद भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया। उस समय भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे।
इस प्रकरण के एक साल बाद 2015 में एक खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया। इस प्रकरण में डॉ. किरणमयी नायक ने प्रकरण दर्ज कराया था। डॉ. नायक की शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, भाजपा नेता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत, मंतूराम पवार के अतिरिक्त डॉ. रमन सिंह के दामाद डाक्टर पुनीत गुप्ता का नाम शामिल था।
सन् 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई थी। पंडरी थाने में एक नया मामला डॉ. नायक की शिकायत पर दर्ज की गई। टेप की आवाज का मिलान करने और जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसआईटी ने अजीत जोगी, अमित जोगी, मंतूराम पवार तथा डॉ. पुनीत गुप्ता को नोटिस जारी करके वॉइस सैंपल भी मांगा था, लेकिन इन सभी ने वॉइस सैंपल देने से मना कर दिया था। ट्रायल कोर्ट में वाइस सैंपल लेने का आदेश देने की एसआईटी की अर्जी खारिज कर दी गई थी। पवार ने सरकारी गवाह बनने की पेशकश करते हुए अपनी आवाज टेप में होने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि उन पर दबाव डाला गया था और यह डील 7.5 करोड़ में हुई थी। हालांकि उनको रकम नहीं मिली। बाद में पवार भाजपा में शामिल हो गए थे।
आरोपियों ने एसआईटी के गठन को चुनौती दी थी और पंडरी थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर फरवरी 2019 में याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। अब सरकार बदलने के बाद कोर्ट को बताया गया है कि उक्त एफआईआर का खात्मा हो गया है, जिसके बाद अदालत ने मामले का निराकरण कर दिया।