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पोटाकेबिन आगजनी मामले में नक्सलियों ने जारी किया प्रेसनोट, साय सरकार को ठहराया लिप्सा की मौत जिम्मेदार

बीजापुर। आवापल्ली पोटाकेबिन में हुई आगजनी को लेकर नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव मोहन ने प्रेसनोट जारी किया है। प्रेसनोट में घटना के लिए राज्य की विष्णुदेव सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

जारी प्रेसनोट में नक्सली नेता मोहन ने पोटाकेबिन आगजनी में मासूम लिप्सा उईका की मौत को दर्दनाक बताते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। प्रेस नोट में नक्सली नेता ने कहा है कि 19 वर्षों से पक्के भवन की बजाय बांस के भवन में छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। वहीं, प्रेसनोट में गंगालूर पोटाकेबिन में व्याप्त समस्याओं पर छात्रों की रैली को लेकर प्रशासन पर नजरअंदाज करने सहित सुविधाओं व शिक्षकों की कमी का आरोप भी लगाया है।

इसके साथ ही नक्सली नेता ने बांस के बजाय पक्के भवन की मांग की है। गौरतलब है कि 5 मार्च की रात 1 बजे आवापल्ली पोटाकेबिन में भीषण आग लगने से वहां सो रही एक साढ़े चार साल की अबोध बच्ची लिप्सा उईका की जलने से मौत हो गई थी। साथ ही पोटाकेबिन भी पूरी तरह से जलकर राख हो गया था। खबर के मुताबिक पोटाकेबिन में रखा बच्चों का एक महीने का राशन, ओढ़ने-बिछाने के कपड़े व अन्य सामान पूरी तरह जल गए थे।

सर्व आदिवासी समाज ने लिया जायजा
गुरुवार को सर्व आदिवासी समाज के वरिष्ठ सदस्य तेलम बोरैया के नेतृत्व में दस सदस्यीय दल आवापल्ली पहुंच कर मौके का जायजा लिया। सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने बताया कि 20 साल पुराने बांस के बने आवासीय विद्यालय में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नही है। छात्रों और अनुदेशकों से चर्चा में पता चला कि यहां 350 बच्चों की दर्ज संख्या है, जिनमे बुधवार की शाम भोजन से पूर्व की गई गिनती में 303 छात्राएं मौजूद थे।

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