3 NEW CRIMINAL LAWS: All three new criminal law bills passed in Lok Sabha
डेस्क। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीन बिल आज लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गए हैं. इनका उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार करना और भारतीय सोच पर आधारित न्याय प्रणाली स्थापित करना है. भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता-1860, दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे.
लोकसभा में इन तीनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानून व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए थे और उन्होंने अनुमोदन के लिए सदन के सामने लाने से पहले मसौदा विधानों के हर अल्पविराम और पूर्ण विराम को देखा था. उन्होंने कहा कि मौजूदा आपराधिक कानून न्याय प्रदान करने के बजाय दंडित करने के इरादे से औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाते हैं.
लोकसभा द्वारा ध्वनि मत से विधेयकों को पारित करने से पहले अमित शाह ने कहा कि तीन नए विधेयक भारतीय सोच पर आधारित न्याय प्रणाली स्थापित करने का प्रयास है. साथ ही कहा कि तीन प्रस्तावित आपराधिक कानून लोगों को औपनिवेशिक मानसिकता और उसके प्रतीकों से मुक्त करेंगे.
अमित शाह ने कहा कि पहली बार आपराधिक न्याय प्रणाली में मानवीय स्पर्श होगा. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी हम अभी भी यूके सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन कर रहे हैं. हम अभी भी हर मेजेस्टी, ब्रिटिश किंगडम, द क्राउन, बैरिस्टर जैसे अंग्रेजी शब्दों का उपयोग करते हैं.
इन तीनों बिल की विशेषताएं गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि यह बिल मॉब लिंचिंग में मौत की सजा का प्रावधान करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम मुझसे मॉब लिंचिंग के बारे में पूछते रहे, वह बीजेपी और हमारी मानसिकता को नहीं समझते हैं. लेकिन कांग्रेस ने आपके शासन के दौरान मॉब लिंचिंग पर सजा क्यों नहीं दी. अगर किसी का दिमाग भारतीय है, तो आप कानूनों को समझेंगे. लेकिन इतालवी है, तो आप नहीं समझेंगे.
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं. यह पहली सरकार है, जिसने अपने घोषणापत्र में उल्लिखित वादों को पूरा किया है. हमने आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया है. पूर्वोत्तर राज्यों में 70 प्रतिशत क्षेत्रों से एएफएसपीए हटा दिया है. 3 तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है और संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है.