जनकल्याणकारी साबित हो रही “मुख्यमंत्री शहरी-स्लम स्वास्थ्य योजना”, करोड़ों जनता का हो रहा इलाज, बड़े अस्पतालों के चक्कर काटने से मिला निजात
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवारों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की गई। इसकी शुरुवात सीएम भूपेश बघेल द्वारा 1 नवंबर 2020 को हुई। इसके तहत पहले चरण में 14 नगर पालिका क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई और इलाज किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की कल्याणकारी योजना “मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना” से करोड़ों जनता लाभान्वित हो रही है। इससे शहरी स्लम क्षेत्रों रहने वाले लोगों को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवारों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की गई। इसकी शुरुवात सीएम भूपेश बघेल द्वारा 1 नवंबर 2020 को हुई। इसके तहत पहले चरण में 14 नगर पालिका क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई और इलाज किया गया। वहीं, 31 मार्च 2022 को इन मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का पूरे राज्य में विस्तार किया गया। इसके साथ ही 60 नई मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का शुभारंभ किया गया।
दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के लिए एक ऐसी योजना की शुरुवात की है, जिसके तहत झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। इसके तहत स्लम क्षेत्र निवासी 42 तरह के टेस्ट भी करा पाएंगे। साथ ही यह एक ऐसी योजना है, जिसका संचालन, राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी करती है।
क्या है मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार प्रदेश की जनता को घर के नजदीक ही निःशुल्क और उत्तम स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके चलते शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की शुरूआत की गई है। जिसके माध्यम से लोगों को घर के नज़दीक ही बेहतर और निःशुल्क इलाज व लैब टेस्ट की सुविधा मिल रही है। वहीं, प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को घर के नज़दीक ही उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना 01 नवंबर 2020 से शुरू की गई थी।
जिसके तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) एम्बुलेंसों के जरिए डॉक्टर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का विस्तार नगर निगमों के बाद अब नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों तक किया गया है। नागरिकों को मोबाइल मेडिकल यूनिट के द्वारा कैम्प के माध्यम से निःशुल्क परामर्श, उपचार, दवाइयां और लैब टेस्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है।
क्या है इस योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य राज्य के स्लम एरिया में रह रहे गरीब नागरिक जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती, उन सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है क्योंकि यह तो आप जानते ही है कि स्लम एरिया में रहने वाले नागरिक कितने गरीब होते है उनके पास अपना इलाज या जांच कराने तक के पैसे नहीं होते वह अपना गुजारा जैसे-तैसे करके करते है। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने सीएम स्लम स्वास्थ्य योजना को शुरू किया है। जिसमे सरकार मेडिकल यूनिट को जगह-जगह स्थापित करेगी जिससे नागरिक अपना मुफ्त में इलाज करवा सकेंगे। यह योजना इन लोगो के जिंदगी में काफी हद तक सुधार लाएगी और उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाएं देकर उनका स्वास्थ्य बेहतर बन पायेगा।
अब तक करोड़ों जनता हो चुकी है लाभान्वित
इस यूनिट में ओपीडी, प्रयोगशाला जांच के साथ दवा वितरण और लैब में 41 प्रकार के स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध होती हैं। इस मोबाइल मेडिकल यूनिट अभी तक सबसे अधिक 792 कैंप रायपुर नगर निगम में लगाया गया है। जहां 41 हजार 226 मरीज लाभान्वित हुए हैं। बिलासपुर में 230 कैंप में 17 हजार 794 मरीज लाभान्वित हुए हैं। दुर्ग में 12 हजार 89, कोरबा में 15 हजार 409, राजनांदगांव में 10 हजार 277 मरीज और भिलाई में 10 हजार 419, रायगढ़ में 9 हजार 543 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी प्रकार नगरीय निकाय क्षेत्र बिरगांव में लगाए गए 82 कैम्प में 4 हजार 698, धमतरी में आयोजित 88 कैम्पों में 5 हजार 324, रिसाली में 109 कैम्प में 5 हजार 512, भिलाई-चरौदा में 111 कैम्प में 5 हजार 695, अम्बिकापुर में 110 कैम्प में 6 हजार 854, चिरमिरी में 52 कैम्प में 2 हजार 989 और जगदलपुर में आयोजित 158 कैम्प में 6 हजार 787 मरीजों को लाभ मिला है।
जानिए क्या बोले, इस योजना के लाभार्थी भोजराम सिन्हा ?
गरियाबंद के साप्ताहिक बाज़ार में अपना इलाज कराने आए, ग्राम अतरमरा निवासी भोजराम सिन्हा ने बताया कि इस मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से उन्हें अच्छी और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और इलाज मिल रही है। उन्होंने कहा कि, मुझे रक्तचाप की समस्या है, इसलिए जब भी गरियाबंद आता हूँ, इसी मेडिकल यूनिट से अपना इलाज करवा लेता हूँ। इससे बड़े अस्पताल के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं पड़ती। साथ ही पैसे और समय दोनों की बचत होती है। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद दिया।
ईलाज हेतु अपने घर से जाना पड़ता था दूर
वहीं, इस योजना की सराहना करते हुए 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला राजीम बाई ने कहा कि वह लम्बे समय से कमर व हाथ-पैर दर्द तथा कमजोरी की समस्या से ग्रसित थी। राज्य सरकार के द्वारा मोबाईल मेडिकल यूनिट प्रारंभ करने के पूर्व उसे ईलाज हेतु अपने घर से दूर जाना पड़ता था, लेकिन घरेलू कार्यों की अधिकता और समय पर पैसों की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे समय पर अपना ईलाज नहीं करा पाती थी। लेकिन अब वो मुख्यमंत्री की कल्याणकारी योजना की शुरुवात से आज वो अपने कुंदरूपारा मोहल्ले में ही समुचित ईलाज करा पा रही हैं। अब वह किसी भी समय मोहल्ले के मोबाईल मेडिकल यूनिट में जाकर निःशुल्क इलाज करा सकती हैं।