HOCKEY WORLD CUP : न्यूजीलैंड से जीत हासिल की तो क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी टीम इंडिया, करो या मरो का माहौल

HOCKEY WORLD CUP: Team India will reach quarter-finals if it wins from New Zealand, do or die atmosphere
ओडिशा में चल रहे हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का आज यानि रविवार को करो या मरो का मुकाबला खेलेगी। कलिंगा स्टेडियम में शाम 7 बजे भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा। यदि भारतीय टीम इस क्रॉसओवर मैच में न्यूजीलैंड की चुनौती से पार पा लेती है तो क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर जाएगी। हारने वाली टीम मेडल की होड़ से बाहर हो जाएगी।
पूल-डी का यह क्रॉसओवर मुकाबला दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा। भारत ने अपने पिछले मुकाबले में वेल्स को 4-2 के अंतर से हराया था, जबकि इंग्लैंड बेहतर गोल डिफेंस के आधार पर पूल के टॉप पर रहा। इंग्लैंड पहले ही टॉप-8 में प्रवेश कर चुका है।
आंकड़ों में भारत आगे
दोनों टीमों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो अब तक दोनों टीमों के बीच 44 मुकाबले खेले गए हैं। इनमें भारत ने 24 और न्यूजीलैंड ने 15 मैच जीते हैं। साथ ही 5 मैच बराबरी पर छूटे हैं। यानी भारत ने 54.55% मैच जीते हैं। जबकि न्यूजीलैंड की जीत का प्रतिशत 34.09 रहा है। 11.36% मैच बराबरी पर छूटे। वर्ल्ड कप में भारत-न्यूजीलैंड के बीच कुल 6 मैच हुए हैं। इनमें से 3 में भारत को जीत मिली है, जबकि 2 न्यूजीलैंड के नाम रहे हैं। एक मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ।
न्यूजीलैंड की टीम ने टीम इंडिया को पिछले मैचों में दी है कड़ी चुनौती
न्यूजीलैंड को भी कम नहीं आंका जा सकता है। भले ही टीम अब तक वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में प्रवेश नहीं कर सकी हो, लेकिन उसने प्रो-लीग में भारत को कड़ी चुनौती दी थी। न्यूजीलैंड के डिफेंडर ब्लेयर टैरेंट, मिडफील्डर निक रॉस और फॉरवर्ड साइमन चाइल्ड कभी भी मैच पलटने का माद्दा रखते हैं। मैच से पहले भारतीय कोच ग्राहम रीड ने भी कहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच आसान नहीं होगा। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
पेनल्टी कॉर्नर हमारा मजबूत पक्ष, फील्ड गोल भी करने होंगे
भारतीय टीम की बात करें तो पेनल्टी कॉर्नर भारत का मजबूत पक्ष रहा है, लेकिन हरमनप्रीत की कप्तानी वाली भारतीय टीम को केवल पेनल्टी पर निर्भर नहीं रहना होगा। उसे ज्यादा फील्ड गोल भी करने होंगे। हालांकि, इस वर्ल्ड कप में भारतीय खिलाड़ियों फील्ड गोल भी दागे हैं। हमने पेनल्टी के कुछ मौके गंवाए हैं। इस दिशा में हरमनप्रीत के नेतृत्व में ड्रैग फ्लिकर्स को काम करना होगा। ताकि जब भी पेनल्टी कॉर्नर के मौके मिलें, उन पर गोल स्कोर हो सके।