BHARAT JODO YATRA : क्या भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को नया जीवन दे पाएंगे राहुल गांधी ?
BHARAT JODO YATRA: Will Rahul Gandhi be able to give new life to Congress through Bharat Jodo Yatra?
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद से कांग्रेस खुद को मजबूत करने की कोशिशों में लगी हुई है। इस बीच 7 सितंबर बुधवार को राहुल गांधी 3,570 किलोमीटर की भारत जोड़ी यात्रा पर शुरू करेंगे। राहुल गांधी इस यात्रा से पार्टी और अपनी छवि को बदलने के लिए एक दृढ़ प्रयास शुरू करेंगे।
राहुल गांधी की यह यात्रा पांच महीने चलेगी। राहुल गांधी इसका आगाज खुद तमिलनाडु से करेंगे। दो चरणों में होने वाली इस यात्रा में अलग-अलग राज्यों के 100-100 लोग शामिल होंगे। कन्याकुमारी से शुरू होकर यह यात्रा अगले साल फरवरी में श्रीनगर में समाप्त होगी। राहुल की यह पदयात्रा कई मायनों में अनूठी है। दरअसल राहुल पिछले लगभग चार दशकों में कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने वाले पहले राजनेता होंगे।
राहुल गांधी और उनके साथ इस यात्रा में शामिल लोग अपनी रातें ट्रकों पर लगे कंटेनरों में बिताएंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बुधवार को अपने दिवंगत पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे। वहीं कन्याकुमारी में राहुल गांधी महात्मा गांधी मंडपम में प्रार्थना सभा में शामिल होने से पहले तिरुवल्लुवर स्मारक, विवेकानंद स्मारक और कामराज स्मारक भी जाएंगे।
इसके बाद सार्वजनिक रैली के समुद्र तटीय स्थल पर जाने से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन राहुल गांधी को राष्ट्रीय ध्वज देंगे। इसी के साथ कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में इस यात्रा की औपचारिक रूप से शुरुआत होगी। इस दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।
दरअसल कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति के लिए एक “परिवर्तनकारी पल” साबित होगा। यात्रा अगले 150 दिनों में 12 राज्यों से होकर गुजरेगी। यात्रा तमिलनाडु से केरल जाएगी और फिर कर्नाटक में प्रवेश करेगी।
इस तरह की यात्रा का इतिहास देखा जाए तो 1980 के दशक में भी इस तरह की यात्रा देखी गई थी। जब जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कन्याकुमारी से दिल्ली तक देशभर में यात्रा की थी। उस सयम वे 56 वर्ष के थे।