विश्व आदिवासी दिवस पर भाजपा ने आदिवासी नेता को पद से हटाया, यह अनुचित : कांग्रेस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग और आदिवासी समाज के ध्रुवीकरण की कोशिश वाली राजनीति एक बार फिर तेज है। OBC समाज में कांग्रेस के पुराने जनाधार से मुकाबले के लिए भाजपा ने मंगलवार को विष्णुदेव साय की जगह अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। अब कांग्रेस ने इस पर आदिवासी भावनाओं को उभारने की कोशिश शुरू कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि आदिवासी दिवस के दिन ऐसा करना गलत है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, प्रदेश अध्यक्ष का बदला जाना भाजपा का अंदरुनी निर्णय है। हम अरुण साव काे शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन विश्व आदिवासी दिवस के दिन जिस प्रकार से एक आदिवासी नेता को उनके पद से हटाया गया वह अनुचित है। यह भाजपा का आदिवासी समाज के प्रति विद्वेष को प्रदर्शित करता है।
कम से आदिवासी दिवस के दिन तो विष्णुदेव साय को नहीं हटाया जाना था। भाजपा नेताओं की आदिवासी विरोधी सोच भी इस निर्णय से सामने आती है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, विश्व आदिवासी दिवस के दिन भाजपा द्वारा आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को पद से हटाना यह बताता है कि भाजपा के मन में आदिवासियों के प्रति कितनी घृणा भरी हुई है।
अब नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष दोनों OBC
भाजपा 2018 में विधानसभा चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हुई। कांग्रेस ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया। जवाब में भाजपा ने OBC वर्ग से आने वाले धरमलाल कौशिक को विधायक दल का नेता बनाया। 2020 में विष्णुदेव साय को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाकर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। कोशिश थी कि उनके अध्यक्ष बनने से आदिवासी समाज भाजपा के साथ जुड़ाव महसूस करेगा। बात बनती नहीं दिखी तो पार्टी OBC कार्ड खेल गई। अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। अब भाजपा में संगठन के दोनों प्रमुख पद OBC नेताओं के पास हैं।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री OBC, प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी
कांग्रेस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल OBC समाज की एक प्रमुख जाति कुर्मी से आते हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम बस्तर क्षेत्र के आदिवासी समाज से हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल लगभग पूरा कर लिया है। संगठन में चुनाव की प्रक्रिया जारी है। भाजपा के दांव को देखते हुए संभावना बढ़ रही है कि कांग्रेस आदिवासी समाज से ही किसी नेता को अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी। या फिर वह भी भाजपा की तरह OBC के साहू समाज से आएगा। विधानसभा के 2023 में होने वाले चुनावों में यह मतदाताओं का सबसे बड़ा जातीय समाज है।