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INCOME TAX RAID FILM INDUSTRY : फिल्म उद्योग से जुड़े निर्माताओं, डिस्ट्रीब्यूटर्स और फाइनेंसरों के यहां रेड, अहम दस्तावेज बरामद 

Red, important documents recovered from producers, distributors and financiers associated with the film industry

डेस्क। आयकर विभाग ने फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ निर्माताओं, डिस्ट्रीब्यूटर्स और फाइनेंसरों के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी और जब्ती का अभियान चलाया है. आयकर विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि उसने तमिल फिल्म निर्माता जी एन अंबू चेझियां के आवासीय परिसर से 200 करोड़ रुपयों से ज्यादा जिसमें 26 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी भी शामिल है, जब्त की है. हालांकि, विभागीय अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि चेझियां के परिसर से कैश बरामद हुआ या नहीं या अघोषित आय भी उन्हीं की है या नहीं.

इनकम टैक्स की रेड में अहम दस्तावेज बरामद 

आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘फिल्म फाइनेंसरों पर छापामारी में बेहिसाब कैश लोन से संबंधित प्रॉमिसरी नोट्स जैसे अहम दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं, जो विभिन्न फिल्म निर्माण कंपनियों और अन्य के लिए पहले से चुकता किए गए थे. अब तक छापामारी अभियान में 200 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है. 26 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 3 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं.’

40 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी 

आईटी की इस रेड में चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर और वेल्लोर स्थित करीब 40 परिसरों में छापेमारी की कार्रवाई की गई है. वहीं दूसरी ओर आयकर विभाग ने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ निर्माताओं, वितरकों और वित्त प्रदाताओं के खिलाफ यह छापामारी और जब्ती अभियान दो अगस्त को चलाया गया था. इस छापेमारी की कार्रवाई के दौरान बेहिसाब कैश लेन-देन और इन्वेस्टमेंट से संबंधित कई दोषी ठहराने योग्य दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य आदि जब्त किए गए हैं. इसके अलावा गोपनीय और छिपे हुए परिसरों का भी पता चला है.

एजेंसी का बयान 

बयान में कहा गया है, ‘फिल्म निर्माण कंपनियों के मामलों में प्राप्त सबूतों से टैक्स की चोरी का पता चलता है, क्योंकि फिल्मों की रिलीज से प्राप्त वास्तविक धनराशि नियमित खाता-बही में दिखाई गई धनराशि से कहीं अधिक है. कंपनियों ने इस तरह प्राप्त बेहिसाब आय को अघोषित निवेशों के साथ-साथ विभिन्न अघोषित भुगतानों के लिए उपयोग किया है.’

इसी तरह फिल्म वितरकों के मामलों में जब्त किए गए साक्ष्य थिएटर से बेहिसाब नकदी प्राप्त करने का संकेत देते हैं. साक्ष्यों के अनुसार वितरकों ने सिंडिकेट बनाए हैं और थिएटर से प्राप्त धनराशि को व्यवस्थित रूप से छिपाया है, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक आय का कम दिखाया गया है.

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