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शासकीय जीएमए पीजी कॉलेज भाटापारा में 2 करोड़ का घोटाला !

रायपुर। प्रदेश के बलोदाबाजर जिलांतर्गत शासकीय गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाटापारा में पूर्व प्रभारी प्राचार्य पर जनभागीदारी मद से क़रीब दो करोड़ रूपए के अर्थिक अनियमित्ता किए जाने का मामला सामने आया है। महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति ने पूर्व प्रभारी प्राचार्य पर निर्माण कार्यों व खरीदी में भारी अनियमित्ता किए जाने की बात कही है। समिति का कहना है कि प्रथम दृष्टि में ही जनभागीदारी मद से क़रीब दो करोड़ रूपए अनाधिकृत रूप से पूर्व प्रभारी प्राचार्य द्वारा आहरण किया जाना प्रतीत हो रहा है। समिति ने थाने में अपने लिखित शिकायत के साथ दस्तावेज सौंपते हुए इस मामले में शीघ्र कार्यवाही की मांग किया है।

गौरतलब हो कि इस मामले को लेकर उच्च शिक्षा विभाग सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संचनालय में भी पूरे सबूतों के साथ फरवरी 2022 को शिकायत किया गया है पर अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सूत्रों के हवाले से यह बात भी सामने आई है कि महाविद्यालय की पूर्व प्रभारी प्राचार्य राजधानी में अपने बचाओ को लेकर राजनेताओं और अधिकारियों के चौखट में दस्तक देते घूम रही है। बहरहाल अब इस मामले को लेकर जनभागीदारी समिति भी थाने में दस्तक दे चुकी है । अब देखना यह है कि यह मामला कहा तक रंग लाता है। भाटापारा निवासी शिकायतकर्ता लालबहादुर ने फरवरी 2022 में सचिव उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन सहित आयुक्त उच्च शिक्षा संचनालय को सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए दस्तावेजों के आधार पर अपनी शिकायत में बताया हैं कि शासकीय गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय भाटापारा में पूर्व प्रभारी प्राचार्य श्रीमती निशा शर्मा, क्रय समिति सयोजक व जंतु विज्ञान के सहायक प्राध्यापक रविदास, इतिहास के सहायक प्राध्यापक ऋषिराज पांडेय, लेखापाल आदित्य मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निर्माण कार्यों व सामान क्रय में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जनभागीदारी समिति को अंधेरे में रखकर जनभागीदारी मद सहित अन्य मद का जमकर दोहन करते हुए आर्थिक अनियमित्ता को अंजाम दिया है।

Chhattisgarh Crimes

62.5 केवीए का डीजी सेट स्थापना में भ्रष्टाचार

शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत में बताया हैं कि महाविद्यालय में 62.5 केवीए का डीजी सेट स्थापना बाजारी मूल्य से लगभग डेढ़ लाख रुपए अधिक में खरीदकर शासकीय राशि दुरुपयोग किया गया वहीं इस भ्रष्टाचार को इतने सफाई से अंजाम दिया की किसी को भनक ना लगें इसके लिए डीजी सेट के खरीदी आमंत्रित निविदा को जावक पंजी में पंजीकृत भी नही किया गया, समाचार पत्र में आमंत्रित विज्ञापन में विवरण भी नहीं दिया गया और तो और कॉलेज के वेबसाइड में भी इसे अपलोड नहीं किया गया था।

कॉलेज प्रांगण में अवैध उत्खनन कर अपने होटल का बना डाला रोड

शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत में बताया कि पूर्व प्रभारी प्राचार्य ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महाविद्यालय प्रांगण से जेसीबी मशीन द्वारा अवैध उत्खनन कर सैकड़ो ट्रिप मुरूम-मिट्टी साहू ट्रांसपोर्ट एंड जेसीबी के बिना नंबर प्लेट ट्रैक्टर द्वारा अपने होटल व्हाइट किचन, पेट्रोल पंप, कृषि फॉर्म का रोड बनाने में परिवहन करने की शिकायत जिलाधीश, माइनिंग ऑफिसर बलोदाबाजर को किया गया था।

नियमों को दरकिनार कर खरीदी

शासकीय मद (जनभागीदारी, स्व-वित्तीय एवं पीडी फंड) से शासकीय क्रय एवं भंडार नियमों का पालन ना करते हुए अनियमित रूप से खर्च करने के मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के निविदा नियमों को ताक में रखते हुए बिना निविदा निकाले ही सामान क्रय कर बिल भुगतान, महाविद्यालय में कैमरा लगाने आमंत्रित निविदा में भी हेराफेरी करते हुए एक ही फॉर्म से दो कोटेशन मंगवाया जाना, प्रिंटर व पानी-पंप के मरम्मत कार्य में भी कूटरचना कर राशि आहरण किए जाने जैसे अनेक कार्यों का उल्लेख अपनी शिकायत में किया है।

निर्माण कार्यों में भी भारी हेराफेरी

पूर्व प्रभारी प्राचार्य ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर किस तरह सरकारी राशि का बंदरबाट किया है आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि महाविद्यालय के मुख्य द्वार को तोड़कर लोक निर्माण विभाग की अनुमति लिए बगैर ही जनभागीदारी मद का दुरुपयोग करते हुए अपंजीकृत ठेकेदार से निर्माण करवाते हुए सक्षम आर्किटेक्ट/ अधिकारी से बिना अनुमोदन के ही पांच लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। इसी तरह महाविद्यालय भवन के रंग-रोंगन का काम अपंजीकृत ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग के एसओआर से अधिक रेट में आबंटित किया गया तथा बिना जीएसटी टीडीएस की कटौती किए ही बिल द्वारा चालीस लाख अड़तीस हज़ार तीन सौ दस रूपए का भुगतान किया गया, यहां यह बताना लाजमी होगा कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग के निर्देश अनुसार पांच हज़ार या उससे अधिक की राशि का भुगतान ई-पेमेंट के द्वारा किया जाना है परंतु यहां पर नियमों का अवहेलना करते हुए संपूर्ण राशि का अकाउंट पेय चेक से भुगतान ना कर उक्त राशि का आहरण स्वयं करते हुए शासकीय मद का गबन किया गया।

इसी तरह महाविद्यालय परिसर में विवेकानंद गार्डन के पुनर्निर्माण, बास्केटबाल ग्राउंड निर्माण में भी भारी गड़बड़ी किया गया हैं। इन आरोपों के संबंध में जब हमने महाविद्यालय के पूर्व प्रभारी प्राचार्य श्रीमती निशा शर्मा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की पर उनसे संपर्क ना हो पाने की स्थिति में उनका पक्ष नही लिया जा सका हैं, वहीं भाटापारा थाना के टीआई महेश ध्रुव ने बताया की महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति ने लिखित शिकायत करते हुए पूर्व प्रभारी प्राचार्य पर दो करोड़ रूपए के आर्थिक अनियमित्ता किए जाने का अारोप लगाया है मामले को जांच में लिया गया है।

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