नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली GST काउंसिल की 47वीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह दो रिपोर्ट पेश करेगा। इसमें विपक्षी शासित राज्य दरों के युक्तिकरण के साथ-साथ राजस्व घाटे के मुआवजे को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे।
चंडीगढ़ में मंगलवार से जीएसटी काउंसिल की शुरुआत हो गई है। दो दिवसीय बैठक में राज्यों को मुआवजे के साथ कुछ वस्तुओं की कर दरों में बदलाव और छोटे ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ताओं के लिए पंजीकरण नियमों में छूट जैसे मुद्दों पर विचार होने की संभावना है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली GST काउंसिल की 47वीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह दो रिपोर्ट पेश करेगा। इसमें विपक्षी शासित राज्य दरों के युक्तिकरण के साथ-साथ राजस्व घाटे के मुआवजे को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे। वहीं, केंद्र सरकार तंग वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए इसे रोकना चाहेगी।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए अपील जारी की
उपकर संग्रह में गिरावट के कारण राज्यों के मुआवजा कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का ऋण लिया था। लखनऊ में 45वीं परिषद की बैठक में सीतारमण ने कहा था कि राजस्व की कमी के लिए राज्यों को मुआवजा देने की व्यवस्था जून 2022 में समाप्त हो जाएगी। बैठक में अधिकारियों की समिति या फिटमेंट समिति द्वारा प्रस्तावित कर दरों पर भी विचार किया जाएगा। चंडीगढ़ में आयोजित किया गया।