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एयरपोर्ट पर दो दिन में 234 की जांच, 84 पॉजिटिव

रायपुर : कोरोना केस कम होने के बाद राहत महसूस कर रहे छत्तीसगढ़ के लिए दूसरे शहरों से लौटने वाले यात्री मुसीबत बन सकते हैं। एयरपोर्ट में हो रही जांच में 40 फीसदी संक्रमित पाए जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर ओडिशा अथवा दिल्ली से बिजनेस के लिए रायपुर आने वाले यात्री हैं। रविवार को दुर्ग, रायपुर में मिले ज्यादातर केस एयरपोर्ट से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ आने के वैक्सीन प्रमाणपत्र के साथ 96 घंटे की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट मान्य है, जबकि अन्य शहरों में इसके लिए 48 घंटे निर्धारित है। प्रदेश में कोरोना की शुरुआत दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की वजह से हुई थी। इसके बाद अन्य राज्यों से लौटने वाले मजूदरों ने इसे पीक तक पहुंचा दिया था। वर्तमान में कोरोना केस कम होने की वजह से प्रदेश में राहत की सांस ली जा रही है, मगर ट्रैवल हिस्ट्री वाले मरीज चिंता की वजह बन सकते हैं। पिछले दो दिन में एयरपोर्ट में हुई कोरोना की लगभग 234 जांच में 84 लोगों को पॉजिटिव पाया गया है, जो रायपुर-दुर्ग के अलावा अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। रविवार को ओडिशा, दिल्ली सहित अन्य शहरों से लौटे 16 लोगों को संक्रमित पाया गया था। एयरपोर्ट में उनकी जांच इसलिए की गई, क्योंकि उनके पास वैक्सीन अथवा कोरोना जांच का प्रमाणपत्र नहीं था।

घर भेजने की लापरवाही : एयरपोर्ट में वैक्सीनेशन अथवा कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं मिलने पर आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेने के बाद यात्रियोंं को सीधे घर भेजा जा रहा है, जो प्रदेश के लिए भारी पड़ सकता है। रिपोर्ट आने अथवा सात दिन क्वारेंटाइन रहने के नियम का पालन भी नहीं किया जाता। पाॅजिटिव होने वाले कोरोना स्प्रेडर की भूमिका निभा सकते हैं, इसलिए रोकथाम जरूरी है।

किसी भी लैब से जांच : निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक यात्रियों के पास होने वाली कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आईसीएमआर द्वारा अनुमति प्राप्त लैब से होना आवश्यक है। सूत्रों के मुताबिक एयरपोर्ट में आने वाले कई यात्रियों के पास ऐसे लैब की रिपोर्ट होती है, जो अनुमति प्राप्त नहीं होते। ऐसे यात्रियों की कोरोना जांच फिर से एयरपोर्ट में करने की तैयारी है।

नियम का सख्ती से पालन : एयरपोर्ट में जांच के दौरान यात्रियों का पाॅजिटिव मिलना चिंताजनक है। वहां नियमों का पालन सख्ती से करने के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमित मिले मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। – डाॅ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग

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