केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इस दौरान 2 मरीजों की मौत हुई। ये कर्नाटक और गुजरात के थे। इस दौरान 925 लोगों ने कोरोना को मात दी। मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की र 98.8 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।

एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के कुल 1,161 मामले आए सामने

इस बीच, केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि आईसीएमआर के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि दो महीने से अधिक समय में अस्पतालों में भर्ती होने वाले श्वसन संक्रमण के 50 प्रतिशत मामले एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के हैं।
स्वास्थ् राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित उत्तर में कहा कि एक जनवरी से 20 मार्च के बीच एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के कुल 1,161 मामले सामने आए हैं, जो मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस का एक उपप्रकार है।
उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर मामलों में खांसी और बुखार के लक्षण दिखाई दिए। मंत्री ने कहा कि एच3एन2 एक वायरल श्वसन संक्रमण है और इसके उपचार में एंटीबायोटिक दवाओं की कोई भूमिका नहीं है।