US IMMIGRTION POLICY : डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला, पाकिस्तान सहित 41 देशों को झटका !

US IMMIGRTION POLICY : Donald Trump’s big decision, shock to 41 countries including Pakistan!
वाशिंगटन। US IMMIGRTION POLICY अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर बड़े फैसले की ओर बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन 41 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश को लेकर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। इस सूची में पाकिस्तान समेत कई अन्य देश शामिल हैं, जिससे इन देशों के लोगों के लिए अमेरिकी वीजा पाना मुश्किल हो सकता है।
US IMMIGRTION POLICY तीन श्रेणियों में बांटे गए देश
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन ने इन 41 देशों को तीन समूहों में बांटा है :
पहला समूह: अफगानिस्तान, ईरान, सीरिया, क्यूबा और उत्तर कोरिया जैसे 10 देशों को शामिल किया गया है, जिनके नागरिकों के वीजा पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है।
दूसरा समूह: इरिट्रिया, हैती, लाओस, म्यांमार और दक्षिण सूडान जैसे 5 देशों पर आंशिक प्रतिबंध लागू होंगे। इन देशों के नागरिकों के पर्यटक और छात्र वीजा को प्रभावित किया जाएगा।
तीसरा समूह: 26 देशों, जिनमें पाकिस्तान, बेलारूस और तुर्कमेनिस्तान शामिल हैं, पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाया जा सकता है। हालांकि, इन देशों को 60 दिनों के भीतर सुरक्षा खामियों को दूर करने का मौका दिया जाएगा।
US IMMIGRTION POLICY राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप का यह दूसरा बड़ा प्रतिबंध –
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2017 में भी सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था, जिसे 2018 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था। अब, 2024 में राष्ट्रपति बनने के बाद, वह फिर से एक कड़ा फैसला ले सकते हैं।
US IMMIGRTION POLICY सूची में बदलाव संभव –
रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में बदलाव भी हो सकता है। कुछ देशों को जोड़ा या हटाया जा सकता है। अंतिम सूची प्रशासन की मंजूरी के बाद जारी होगी। अगर यह प्रतिबंध लागू होता है, तो यह अमेरिका की यात्रा करने की योजना बना रहे लाखों लोगों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
US IMMIGRTION POLICY राजनीतिक विवाद तेज –
ट्रंप के इस संभावित फैसले को लेकर अमेरिका और अन्य देशों में राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कुछ इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे भेदभावपूर्ण नीति कह रहे हैं। अब सबकी नजरें ट्रंप प्रशासन की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं।