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BADESETTI NAXAL FREE VILLAGE : सुकमा का बड़ेसट्टी बना प्रदेश का पहला नक्सलमुक्त गांव, अमित शाह बोले – जल्द खत्म होगा नक्सलवाद

BADESETTI NAXAL FREE VILLAGE : Badesetti of Sukma becomes the first Naxal-free village of the state, Amit Shah said – Naxalism will end soon

सुकमा। BADESETTI NAXAL FREE VILLAGE छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव अब पूरी तरह नक्सलमुक्त हो चुका है। गांव में सक्रिय 11 अंतिम नक्सलियों ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद यह पंचायत राज्य की पहली नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत बन गई है। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बधाई दी और इसे मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति की बड़ी सफलता बताया।

अमित शाह ने क्या कहा?

BADESETTI NAXAL FREE VILLAGE गृह मंत्री अमित शाह ने अपने पोस्ट में लिखा, “छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ऑपरेशन्स के दौरान कोबरा कमांडो और राज्य पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। वहीं सुकमा की बड़ेसट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे यह पंचायत पूरी तरह नक्सलमुक्त हो गई है। मैं अन्य छिपे हुए नक्सलियों से अपील करता हूं कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाएं और मुख्यधारा में लौटें। हमारा लक्ष्य 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद से मुक्त करना है।”

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास

बड़ेसट्टी गांव में आत्मसमर्पण करने वाले 11 नक्सलियों में से 4 पर 2-2 लाख रुपए, और एक पर 50 हजार रुपए का इनाम था। कुल इनामी राशि 8.50 लाख थी। आत्मसमर्पण के बाद सभी नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी गई हैं।

गृह मंत्री विजय शर्मा का बयान

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह सफलता शासन की नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नक्सली इलवद पंचायत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से संभव हुई है। उन्होंने कहा, “ग्रामीणों को अब समझ आ गया है कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का रास्ता है। सुकमा से नक्सलमुक्ति की शुरुआत हुई है, अब बस्तर सहित पूरे प्रदेश की पंचायतें भी जल्द नक्सलमुक्त होंगी।”

क्या है नक्सली इलवद पंचायत योजना?

BADESETTI NAXAL FREE VILLAGE राज्य सरकार की इस योजना के तहत जिस पंचायत क्षेत्र से सभी सक्रिय नक्सली आत्मसमर्पण कर देते हैं, उसे ‘नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत’ घोषित किया जाता है। इसके बाद उस पंचायत को विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए की राशि तत्काल स्वीकृत की जाती है। यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और सामुदायिक भवन जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च की जाती है ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित हो सके।

 

 

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