RAIPUR NEWS : बूढ़ा तालाब चौपाटी निर्माण पर महापौर मीनल चौबे ने जताई नाराजगी, शराब बिक्री की अनुमति का किया विरोध

RAIPUR NEWS : Mayor Meenal Chaubey expressed displeasure over the construction of Budha Talab Chowpatty, opposed the permission for liquor sale
रायपुर, 25 मार्च 2025। RAIPUR NEWS रायपुर की ऐतिहासिक धरोहर बूढ़ा तालाब में बन रही चौपाटी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम महापौर मीनल चौबे ने आज स्थल का निरीक्षण किया और चौपाटी निर्माण में हो रही अनियमितताओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने टूरिज्म बोर्ड और एजेंसी द्वारा पाथवे तोड़ने, पार्किंग की अव्यवस्था और चौपाटी में शराब बिक्री की अनुमति को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
पार्किंग नहीं, पाथवे खत्म, व्यावसायिक लाभ का केंद्र बनता बूढ़ा तालाब
RAIPUR NEWS नगर निगम कमिश्नर विश्वदीप, एमआईसी मेंबर मनोज वर्मा और वार्ड पार्षद मुरली शर्मा के साथ निरीक्षण के दौरान महापौर ने पाया कि निर्माण कार्य के दौरान तालाब का पाथवे तोड़ दिया गया है और पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि एजेंसी तालाब को पर्यटन केंद्र बनाने के बजाय व्यावसायिक हब में बदल रही है, जिससे इसके ऐतिहासिक महत्व को नुकसान पहुंचेगा।
शराब बिक्री की अनुमति पर भड़कीं महापौर, कहा- ‘बेटियों की शिक्षा पर पड़ेगा असर’
RAIPUR NEWS सबसे बड़ा विवाद चौपाटी में शराब बिक्री की अनुमति को लेकर है। यह प्रस्ताव पास होने से न केवल बूढ़ा तालाब की संस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को ठेस पहुंचेगी, बल्कि आसपास के शैक्षणिक संस्थानों पर भी इसका नकारात्मक असर होगा। बूढ़ा तालाब के पास स्थित दानी गर्ल्स स्कूल रायपुर का सबसे पुराना स्कूल है, जिसके मुख्य मार्ग के पास चौपाटी बनाई जा रही है।
महापौर मीनल चौबे ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “पर्यटन विभाग का उद्देश्य शहर की धरोहरों का संरक्षण करना होता है, न कि मुनाफाखोरी के लिए उनका व्यवसायीकरण। एजेंसी यहां मनमानी कर रही है और प्रशासन को गुमराह कर रही है। दानी स्कूल जैसी संस्थाएं शहर की बेटियों के लिए संस्कार और शिक्षा का केंद्र हैं। हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाने देंगे जिससे उनकी सुरक्षा पर खतरा हो।”
स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग – योजना की पुनर्समीक्षा हो
RAIPUR NEWS स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि पर्यटन विभाग इस योजना की पुनर्समीक्षा करे और बूढ़ा तालाब की पारंपरिक और ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखे। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।