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WINDFALL TAX ENDS : केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, विंडफॉल टैक्स खत्म, तेल कंपनियों को मिली राहत

WINDFALL TAX ENDS: Big decision of the Central Government, windfall tax ends, oil companies get relief

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ईंधन पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है. ये Tax एयर टर्बाइन फ्यूल से लेकर पेट्रोल-डीजल तक पर लगता था. इसे औपचारिक रूप से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) के रूप में भी जाना जाता है, जिसे साल 2022 में उस समय पेट्रोलियम पदार्थों पर उस समय लगाया गया था, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई थीं. अब वित्त मंत्रालय ने इस टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया है.

30 महीने बाद हटाया गया टैक्स

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट के बीच घरेलू स्तर पर उत्पादित किए जाने वाले Crude Oil और विमानन ईंधन (ATF), पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर 30 महीने पुराना ये टैक्स सोमवार को खत्म कर दिया. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्य सभा में इस संबंध में एक नोटिफिकेशन पेश किया. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की ONGC जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा किए गए ईंधन के निर्यात पर लगने वाले शुल्क को खत्म करने का फैसला किया गया है.

तेल कंपनियों को मिली बड़ी राहत

इस फैसले को 29/2024 और 30/2024 नंबर की अधिसूचनाओं के जरिए औपचारिक रूप दिया गया है, जिन्हें संसद में रखा गया था. यहां बता दें कि क्रूड ऑयल की कीमतों में जोरदार उछाल आने के चलते साल 2022 में सरकार ने घरेलू क्रूड, पेट्रोल-डीजल और हवाई ईंधन के एक्सपोर्ट से ऑयल कंपनियों को होने वाले मुनाफे पर विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था, जिसका मकसद रेवेन्यू बढ़ाना था. अब सरकार द्वारा ये टैक्स हटाने से ऑयल सेक्टर की तमाम कंपनियों को बड़ी राहत मिली है.

क्या होता है विंडफॉल टैक्स?

Russia-Ukraine War के दौरान साल 2022 में भारत कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाकर उन देशों में शामिल हुआ था, जो एनर्जी कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं. ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे रिफाइनरी उत्पादों के दाम समय के साथ घटते-बढ़ते रहते हैं. विंडफॉल टैक्स एक ऐसा टैक्स है, जिसे घरेलू स्तर पर क्रूड उत्पादक कंपनियों पर एक तय सीमा से अधिक के मुनाफे पर लगाया जाता है.

क्यों लगता है विंडफॉल टैक्स?

अगर ग्लोबल मार्केट में डीजल, पेट्रोल और एटीएफ आदि के दाम घरेलू बाजार से ज्यादा हो, तो रिफाइनरियां निर्यात बढ़ाने लगती हैं, ताकि उन्हें ज्यादा मुनाफा हो. सरकार इस पर लगाम लगाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगा देती है.

जुलाई 2022 में पहली बार हुआ था लागू

यही हिसाब क्रूड ऑयल के मामले में भी लागू होता है. वहीं जब ग्लोबल मार्केट में इनके भाव कम हो जाते हैं, तो कंपनियां खुद ही एक्सपोर्ट कम करने लगती हैं. ऐसी स्थिति आने पर सरकार विंडफॉल टैक्स को कम करने या हटाने का फैसला लेती है. भारत सरकार ने सबसे पहले एक जुलाई 2022 को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाने का फैसला लिया था.

 

 

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