180 किमी/ घंटे की रफ्तार से दौड़ी वंदे भारत, पानी का गिलास भी नहीं हिला, देखें पूरी वीडियो…
नई दिल्ली : नई वंदे भारत एक्सप्रेस का मंगलवार को ट्रायल रन हुआ. इस ट्रायल रन में ट्रेन की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रही है. दक्षिणी रेलवे ने ट्रायल रन की वीडियो को साझा किया. रेलवे ने इतनी ज्यादा स्पीड पर नए कोचों के अंदर स्थिरता को लेकर तारीफ भी की. ट्रेन के अंदर की तस्वीरों में दिखा कि पूरी तरह पानी से भरा गिलास भी ट्रेन के 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर भी नहीं हिलता है.
रेलवे ने शेयर किया वीडियो
दक्षिणी रेलवे ने वीडियो को साझा करते हुए कहा कि 180 से 183 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हुई नई वंदे भारत के रेक को देखिए. उसने लिखा कि पानी से पूरी तरह भरा हुआ ग्लास भी ट्रेन के 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलती ट्रेन में भी स्थिर रहता है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने चैन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में नई वंदे भारत ट्रेन का निरीक्षण किया था. उन्होंने कहा था कि वे खुश हैं कि वंदे भारत ट्रेन को इंटिग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा कम समय और अच्छी गुणवत्ता के साथ मैन्युफैक्चर किया है. उन्होंने कहा था कि यह एक वर्ल्ड क्लास ट्रेन है. इस ट्रेन पर सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए यह एक नया अनुभव होगा.
Take a look at the new Vande Bharat rake on trial run clocking 180-183 Kmph. A glass filled to the brim with water stays stable even as the train speeds at 180 Kmph pic.twitter.com/La9LO7zmcB
— Southern Railway (@GMSRailway) September 5, 2022
भारत में बनी है ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन को पूरी तरह भारत में मैन्युफैक्चर किया गया है. यह एक स्वचालित इंजन वाली ट्रेन है. इसका मतलब है कि उसे अलग इंजन की जरूरत नहीं है. ट्रेन में ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए गए हैं. और इसमें एसी कार कोच और रिवोल्विंग चेयर हैं, जो 180 डिग्री तक घूम सकती हैं.
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि 15 अगस्त, 2023 से पहले देश भर में 75 वंदे भारत ट्रेनों को बनाया और लगाया जाएगा. उन्होंने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल रेलवे मंत्रालय के लिए यह लक्ष्य तय किया था.
आपको बता दें कि कोटा डिवीजन में अलग-अलग चरणों में इस ट्रेन का ट्रायल किया गया. पहले फेज का ट्रायल कोटा व घाट का बरना के बीच किया गया. जबकि दूसरे फेज का ट्रायल घाट का बरना व कोटा के बीच किया गया. वहीं, तीसरे फेज का ट्रायल कुर्लासी व रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर किया गया. चौथा और पांचवां ट्रायल कुर्लासी व रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर तथा छठा ट्रायल कुर्लासी और रामगंज मंडी व लाबान के बीच डाउन लाइन पर किया गया.