
आयुक्त ने विपक्षी पार्षदों के व्यवहार पर जतायी आपत्ति,बर्खास्तगी के लिए लिखा पत्र
0- पार्षदों ने कहा कोर्ट जायेंगे,महापौर सहित दो अन्य के खिलाफ एफआईआर भी कराएंगे
भिलाई। भिलाई नगर निगम में विवाद इतना बढ़ गया है कि आयुक्त ने सदन में बजट के दौरान भाजपा के 9 पार्षदों द्वारा अमर्यादित व्यवहार को लेकर बर्खास्तगी के लिए संभायुक्त को पत्र लिख दिया है। वहीं भाजपा पार्षदों ने कहा कि पार्षदों को रिश्वत देने का प्रयास किया गया जिसे सदन में वापस कर दिया गया यह कहां से अवमानना है। बल्कि भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश है इस मामले में नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि महापौर सहित दो अन्य के खिलाफ एफआईआर भी कराएंगे। विवाद इसलिए भी विवादास्पद बन गया क्योकि हंगामा सभी भाजपा पार्षदों ने किया लेकिन चुनकर 9 को ही नोटिस थमाया गया है।
भाजपा पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सोमवार की शाम बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के बाद निगम आयुक्त रोहित व्यास ने पत्र भेजा है। निगम आयुक्त ने पत्र में लिखा कि 31 मार्च को भिलाई नगर निगम की बजट बैठक बुलाई गई थी। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की गई।निगम के नेता प्रतिपक्ष व पार्षद भोजराज सिन्हा, विनोद सिंह, पीयुष मिश्रा, स्मिता दोड़के, वीणा चंद्राकर, सत्यवती जायसवाल, गिरजा बंछोर, महेश वर्मा और संतोष मौर्य ने सदन में अमर्यादित व्यवहार किया। उनके द्वारा सदन की कार्यवाही को रोकने का प्रयास किया गया। ये संसदीय आचरण के विपरीत है। इसलिए इन सभी नौ पार्षदों के खिलाफ धारा 19ख की कार्रवाई की जाए।
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि सेक्टर 7 में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम ढहने के मामले को महापौर दबाने में लगे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने निगम के एक ठेकेदार और अपने एक आदमी के हाथों भाजपा के सभी पार्षदों को जूसर मिक्सर ग्राइंडर भिजवाया था। उन्होंने ये रिश्वत इसलिए दिया कि वो इस मामले में अपनी आवाज दबा लें। लेकिन भाजपा पार्षदों ने ऐसा न करते हुए सदन के अंदर उसे लौटा दिया।महापौर ने सदन के सदस्यों को रिश्वत देने का प्रयास किया तो उसे सदन में ही वापस कर दिया गया। ये कहीं से अवमानना की श्रेणी में नहीं आता। उनके पास इसके पूरे सबूत हैं।