TRANSFER BREAKING: Major transfer of 10 IAS officers, changes in many departments
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश में रविवार की देर शाम एक बार फिर राज्य में दस आईएएस अफसरों का तबादला किया गया है. राज्य में हुए तबादलों में कई बड़े अफसरों के विभागों में भी बदलाव किया गया है. इस तबादले के संबंध में विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. इस दौरान कई अधिकारियों को प्रतीक्षारत भी किया गया है. रविवार की देर शाम हुए तबादले में उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक के पद की जिम्मेदारी के साथ ही राजशेखर को कई अन्य विभाग भी दिए गए हैं. वहीं आईएएस अनिल गर्ग वर्तमान पद के साथ स्टेट नोडल ऑफिसर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम के प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
जबकि पर्यावरण एवं जलवायु विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह को प्रतीक्षारत कर दिया गया है. जबकि अनिल कुमार थर्ड को वर्तमान पद के साथ ही उत्तर प्रदेश शासन के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वहीं यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक पद की जिम्मेदारी पहले की तरह रवि रंजन के पास रहेगी. जबकि आईएएस रवि रंजन को कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी सानिया छाबड़ा को दी गई है. जबकि यूपी एग्रो के प्रबंधन निदेशक पद की जिम्मेदारी पूर्णता ऐश्वर्या को दे दी गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सचिव कंचन सरन को बनाया गया है।
इसके पहले कंचन सरन आगरा मंडल की अपर आयुक्त थीं. जबकि प्रभाष कुमार को नमामि गंगे एवं जल आपूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश शासन तथा संयुक्त प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण का विशेष सचिव बनाया गया है. वहीं उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास विभाग में उदयभानु त्रिपाठी को विशेष सचिव बनाया गया है. मनोज सिंह को रिटायरमेंट से पहले प्रतीक्षारत करने का फैसला सरकार ने लिया। उनकी जगह अनिल कुमार तृतीय को वन एवं पर्यावरण विभाग का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
मनोज सिंह की कारगुजारी और उनके कार्यकाल में किए गए कामों की समीक्षा की जाएगी। यह ट्रांसफर कई बड़े प्रशासनिक बदलावों की ओर इशारा करता है, जिससे राज्य सरकार की योजनाओं के संचालन में बदलाव संभव हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह फैसला प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए लिया है। सरकार का उद्देश्य यह है कि नए अधिकारियों के साथ योजनाओं का संचालन और विकास तेजी से हो सके।