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पीएम मोदी की चादर को अजमेर शरीफ में चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग, इस शख्स ने कोर्ट में दायर की याचिका

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने 10वीं बार अजमेर में स्थित 13वीं शताब्दी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर चादर भेजी है। मगर यह मामला अब अदालत पहुंच गया है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अदालत में याचिका दाखिल कर पीएम मोदी की चादर को दरगाह पर चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग की है। यह याचिका अजमेर की एक अदालत में दाखिल की गई है।विष्णु गुप्ता ने इससे पहले अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया था। उनकी याचिका पर मामला अजमेर की अदालत में लंबित है। याचिका में दरगाह के सर्वेक्षण की मांग की गई थी।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक विष्णु गुप्ता ने चादर पर रोक लगाने का आवेदन लंबित मुकदमे में दाखिल किया है। उनका कहना है कि अभी मामला अदालत में विचाराधीन है। मगर केंद्र सरकार ने विवादित ढांचे पर चादर भेजकर न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को कमजोर किया है।

दरगाह के उर्स में जुमे की नमाज अदा

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813वें सालाना उर्स के अवसर पर पहले जुमे की नमाज शुक्रवार को हजारों जायरीन ने अदा की। नमाजियों की लंबी कतारें दरगाह की शाहजहानी मस्जिद से दरगाह बाजार व कायड़ विश्राम स्थली और ईदगाह मैदान में देखी गई।नमाज को लेकर जिला प्रशासन की ओर से खास इंतजाम किए गए थे। नमाज से पहले अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश स्वयं दरगाह स्थित धान मंडी पर मौजूद थे।उन्होंने बताया कि दरगाह के उर्स के अवसर पर पहुंचने वाले लाखों जायरीन की सुरक्षा के लिए पांच हजार से ज्यादा सिपाही तैनात रहे। इसके अलावा सीसीटीवी व ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।

पीएम की चादर लेकर शनिवार को आएंगे केंद्रीय मंत्री

पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने भी शुक्रवार को दरगाह का जायजा लिया और इंतजाम का अवलोकन किया। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर लेकर केंद्रीय मंत्री भी अजमेर पहुंचेंगे। कायड़ विश्राम स्थली पर बनाए गई अस्थाई मस्जिद के भीतर और बाहर दोनों ओर नमाजियों के लिए व्यवस्था की गई थी। यहां मौलाना जाकिर हुसैन ने नमाजियों को नमाज अदा कराई।

अंजुमन ने प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजने का किया स्वागत

अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर चादर आने का अंजुमन स्वागत करता है। जवाहर लाल नेहरू ने भी 1947 से चादर दरगाह शरीफ पर भेजते थे। उन्होंने कहा कि अंजुमन की तरफ से सभी का स्वागत है। प्रधानमंत्री दस सालों से भेज रहे हैं। दरगाह की आध्यात्मिक रस्मों को लाइव दिखाने पर अभी सलाह नहीं ली गई। इससे विरोध है।

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