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राजधानी में जुटी जांबाजों की महफिल, नाम सुनकर अपराधी कांप जाते थे

  • – 1982-83 बेंच के सूबेदार और उपनिरीक्षक का समागम
  • – 4 से 6 जनवरी तक रायपुर में आय़ोजित रियून्यन में बैंच के करीब 384 पुलिस अधिकारी शामिल हुए

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस के वो सभी जाबांज पुलिस अधिकारी इकक्ठ्ठे हुए, जिनके अदम्य साहस और कारनामों के तुती ना केवल छत्तीसगढ़ में बल्की मध्यप्रदेश में बोलती थी। हम बात कर रहे है, अविभाजित मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के 1982-83 बैंच के एसआई और सुबेदारो की जो राजधानी में अपने पुराने साथियो के साथ मिलकर बेहद खुश दिखे।

शहर के वीआईपी रोड स्थित निरंजन धर्मशाला में आयोजित रियून्यन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के वो अधिकारी अपने परिवार के साथ पहुंचे, जिन्होने डकैती उन्मूलन में सराहनीय कार्य करते हुए अदम्य साहस का परिचय देकर डकैतो का खात्मा किया। हालांकि ज्यादात्तर अधिकारी रिटायर हो चुके है। सभी ने अपने पुराने साथियो के साथ मिलकर ट्रेनिंग से लेकर रिटायरमर्ट तक के सफर को साझा किया। उन्होने अपने समय की और आधुनिक पुलिस में काफी फर्क बताते हुए कहा कि वर्तमान पुलिसिंग और उनके समय की पुलिसिंग में सबसे बड़ा फर्क संसाधनो का बताया।

छत्तीसगढ़ के कई ऐसे पुलिस के अधिकारी है, जिन्होने कभी बड़े-बड़े नक्सलियों को मारर गिराने के साथ उनके साथियों को पकड़कर जेल में डाला अपना साहस का परिचय दिया। कई नहा कहा हमारे पास संसाधन नही होने के बाद भी कई हत्याकांड को 15 दिनों में सुलझाया करते थे।

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