Surgical Strike Day: आज ही के दिन सेना ने पाक से लिया था उरी अटैक का बदला, जानें, जवानों ने कैसे दिया था अंजाम
नई दिल्ली। साल 2016 में आज ही के दिन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उरी में सेना के जवानों पर हमला किया था। भारतीय सेना के जवानों पर हुए इस हमले से पूरा देश दुःखी था, आक्रोशित था। हर कोई बस पाकिस्तान से बदला लेने की बात कर रहा था। इसके बाद भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी थी। जिसकी गूंज ना सिर्फ भारत और पाकिस्तान में सुनाई पड़ी थी बल्कि पूरे विश्व की निगाहें इस घटना पर आकर टिक गयीं थीं। भारत ने उरी हमले का बदला ले लिया था।
29 सितंबर को मनाया जाता है ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’
आज पाकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक के पांच साल पूरे हो गये। आज ही के दिन भारतीय सेना के जवानों ने POK में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की थी और LoC के पास बने आतंकी लॉन्च पैड को भी नष्ट कर दिया था। पाकिस्तान पर किये गये सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सरकार आज के दिन यानी 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ के रूप मना रही है। दरअसल पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक तब किया गया जब 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा आतंकी हमला किया गया था। इस हमले में भारतीय सेना 19 सैनिक शहीद हुए थे। इसी का बदला लेने के लिए मोदी सरकार ने भारतीय सेना को पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का आदेश दिया था।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ANI को दिए गये अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया था कि सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान बनाया गया था क्योंकि पाकिस्तानी आतंकी संगठनों द्वारा सेना पर हुए हमले से लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा था। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर किये गये सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा देश एकमत होकर सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने जवानों को सफलता और विफलता के बारे में ना सोचने बल्कि सूर्योदय से पहले वापस आ जाने का आदेश दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो बार सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख बदल दी गयी थी।
जब सब सो रहे थे, सेना ऑपरेशन को दे रही थी अंजाम
जानकारी के मुताबिक, सेना ने रात करीब 12.30 बजे ऑपरेशन की शुरुआत की और सुबह 4.30 तक अपने ऑपरेशन को अंजाम दे दिया था। इस पूरे ऑपरेशन में स्पेशल फोर्सेज और पैरा कमांडो भी शामिल किये गए थे। सबसे पहले MI 17 हेलिकॉप्टरों से 150 कमांडोज को सीमा के नजदीक LoC के पास उतारा गया। इसके बाद भारतीय सेना के जवान धीरे-धीरे पाकिस्तानी सीमा में घुस गये। इस दौरान भारतीय कमांडो नाइट विजन डिवाइसेज, तवोर, स्मोक ग्रेनेड्स और M-4 राइफलों, ग्रेनेड्स, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर और हेलमेट पर लगे कैमरे से लैस थे। POK में करीब तीन किमी अंदर तक घुस जाने के बाद भिंबर, हॉटस्प्रिंग, तत्तापानी, केल, लीपा सेक्टरों में भारतीय सेना ने कार्यवाई की और ताबड़तोड़ फायरिंग से आतंकियों के लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया। जिसमें 38 आतंकियों के मारे जाने की बात सामने आई और इस हमले में वहां मौजूद दो पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गये थे।
सर्जिकल स्ट्राइक में सबसे अच्छी बात ये रही है कि इस ऑपरेशन में एक भी कमांडों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। जिस वक्त (रात के करीब 12:30 बजे) भारतीय सेना के कमांडो PoK में ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे, उस वक्त भारत में अधिकतर लोग सो रहे थे और जब भारतीय सेना के कमांडो अपने ऑपरेशन को अंजाम देकर सफलतापूर्वक भारत लौट चुके थे, तब भी लोग सो ही रहे थे। सुबह होते ही भारतीय सेना ने एलान कर दिया कि भारतीय सेना के कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है और बड़ी संख्या में आतंकियों का भी सफाया हुआ है।
सुबह सोकर उठते ही जब लोगों को भारतीय सेना के इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी मिली तो कोई यकीन नहीं कर पा रहा था। हालांकि भारत पाकिस्तान को अब तक का सबसे बड़ा झटका दे चुका था। पाकिस्तान इस बात को लेकर परेशान था कि भारतीय सेना तीन किमी उसकी सीमा में दाखिल हो गयी। लगभग 4 घंटे तक ऑपरेशन को अंजाम दिया और पाकिस्तान को भनक तक ना लगी। गौरतलब है कि भारतीय सेना के जवानों की वीरता को ‘उरी’ नामक फिल्म के जरिये भी प्रदर्शित किया गया।