SUCCESS STORY : कृत्रिम पैरों के सहारे छत्तीसगढ़ के दिव्यांग युवा पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने एवरेस्ट की फतह
SUCCESS STORY: Chhattisgarh’s disabled young mountaineer Chitrasen Sahu conquered Everest with the help of artificial legs
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दिव्यांग युवा पर्वतारोही चित्रसेन साहू ने दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के माउंट एकांकागुआ की चढ़ाई पूरी की। साहू 6,962 मीटर यानी 22 हजार 841 फीट की ऊंचाई पर कृत्रिम पैरों के सहारे पहुंचे। वे देश के पहले दिव्यांग हैं, जिनके दोनों पैर कृत्रिम हैं। अब उनका लक्ष्य अप्रैल, 2023 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना है।
राज्य के पहले पर्वतारोही –
चित्रसेन छत्तीसगढ़ से माउंट एकांकागुआ और चार विभिन्ना महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने वाले राज्य के पहले व्यक्ति बने। माउंट एकांकागुआ एशिया महाद्वीप के बाहर विश्व की सबसे ऊंची चोटी है। यह दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी भी है। अजेंटीना के मेंडोजा नामक स्थान पर एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित है माउंट एकांकागुआ।
19 दिसंबर से 3 जनवरी तक अभियान –
पर्वतारोही साहू ने अपना मिशन 19 दिसंबर को रायपुर से प्रारंभ किया था। वे 23 दिसंबर को मंडोजा अर्जेंटीना पहुंचे। 3 जनवरी को उनकी चढ़ाई पूरी हुई। वे 13 जनवरी को राजधानी वापस आएंगे। अभियान में 30 डिग्री सेल्सियस तापमान और मौसम खराब होने से अत्यधिक बर्फबारी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इससे पूर्व चित्रसेन साहू ने माउंट किलिमंजारो, माउंट कोजीअस्को और माउंट एलब्रुस फतह कर नेशनल रिकार्ड कायम किया था। इसके साथ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंच चुके है। माउंट किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप, माउंट कोजिअसको आस्ट्रेलिया महाद्वीप और माउंट एलब्रुस यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है।
मित्र को समर्पित किया
इस मिशन को साहू ने अपने प्रिय दोस्त स्व अविनाश वर्मा को समर्पित किया। जिसने हमेशा चढ़ाई फतह करने के लिए प्रेरित किया। 3 जुलाई को अविनाश की मृत्यु हुई थी। साहू ने पर्वत की चोटी पर पहुंचकर अपने मित्र को श्रद्धांजलि दी।