
Stock Market : नई दिल्ली। आज 7 अप्रैल सोमवार को शेयर बाजार में हड़कंप मच गया। प्री ओपन में ही शेयर बाजार का बीएसई सेंसेक्स 4000 अंक तक लुढ़क चुका था। वहीं एनएसई निफ्टी 11,00 अंक तक गिरा था। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2226 अंक गिरकर 73,137 पर क्लोज हुआ है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 742 अंक लुढ़ककर 22,161 पर बंद हुआ है। जाहिर है कि अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। अमेरिकी टैरिफ का अलावा शेयर बाजार में बिकवाली के और भी कई कारण हो सकते हैं।
ये बने टॉप गेनर्स और लूजर्स
बीएसई सेंसेक्स- बीएसई सेंसेक्स में पूरे दिन बिकवाली जारी है। सेंसेक्स में Siemens, Delhivery, 3600NE, Starcement, Ionexchang आज के टॉप गैनर्स बन चुके हैं। वहीं Trent, Cartrade, Edelwelss, Embdl, Jindalsaw टॉप लूजर्स बन चुके हैं।
एनएसई निफ्टी- एनएसई निफ्टी में भी पूरे दिन गिरावट रही। निफ्टी में Tecilchem, Siemens, Chemfab, Securkloud और Oswalseeds टॉप गैनर्स बन चुके हैं। इसके साथ ही Abin-ret, iris-ree, Themismed, khandse और Trent टॉप लूजर्स की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं।
इन सेक्टर में हुई बिकवाली
एनएसई निफ्टी में मेटल 6.75 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है। वहीं Realty, प्राइवेट बैंक और मीडिया सेक्टर में भी लगभग 3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। वहीं इंडिया विक्स 65.70 फीसदी बढ़ा है। जो साफ तौर पर निवेशकों के डर को दिखाता है।
क्यों आई शेयर बाजार में गिरावट?
आज सुबह ग्लोबल मार्केट से नेगेटिव संकेत मिल रहे थे। एशियाई बाजार में साफ तौर पर अमेरिकी टैरिफ का असर दिख रहा था। एशियाई बाजार के सभी इंडेक्स लाल निशान पर ट्रेड कर रहे थे। वहीं अमेरिकी बाजार में भी भारी बिकवाली थी।
अमेरिका ने 2 अप्रैल देर रात पूरी दुनिया को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 180 देशों में टैरिफ का ऐलान किया है। जिसके बाद से विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है।
इसके साथ ही चौथे तिमाही का रिजल्ट भी इस हफ्ते आएगा। जिसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। वहीं विश्व अर्थव्यवस्था को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया है। जिससे भी बिकवाली देखी जा रही है। इस बीच सबकी नजरें आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में टिकी हुई है। अनुमान है कि आरबीआई रेपो रेट में गिरावट कर सकता है। वहीं अमेरिकी टैरिफ के हाहाकार के दौरान रेपो रेट में कटौती घरेलू निवेशकों को राहत देने का काम करेगी। हालांकि इस बात की पुष्टि आरबीआई की बैठक के बाद ही की जा सकती है।