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राज्य सूचना आयोग ने सीएमएचओ पर कार्रवाई के दिए निर्देश: मांगी छह साल की जानकारी, एक माह का कराया उपलब्ध

बिलासपुर। सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) टीबी विभाग से संबंधित छह साल की जानकारी मांगी थी। सीएमएचओ ने अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए आवेदक को एक माह की जानकारी दी। इस पर राज्य सूचना आयोग ने स्वास्थ्य संचालक को सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है।

आवेदक रामचंद्र मजूमदार ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सहायक जनसूचना अधिकारी से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. गायत्री बांधी की टूर भ्रमण, डायरी एवं अग्रिम कार्यक्रम दौरा की माह अप्रैल 2015 से जुलाई 2021 तक अभिप्रमाणित छायाप्रति देने की मांग की गई थी। तय समय एक माह बीतने के बाद भी जनसूचना अधिकारी से जानकारी नहीं मिलने पर आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर को आवेदन दिया।

सीएमएचओ को नियमानुसार छह साल की जानकारी देनी थी, लेकिन उन्होंने बिना गुण दोष देखे एक माह की जानकारी दी। इस संबंध में उन्होंने सीएमएचओ से जानकारी ली। लेकिन उन्होंने मौखिक भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। यहां भी जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग को आवेदन दिया।

आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सीएमएचओ ने अपने अधिकार का हनन किया है। कायदे से आवेदक को छह साल की जानकारी देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। लिहाजा स्वास्थ्य संचालक से कहा है कि सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाइ्र की जाए।

जनसूचना अधिकारी पर जुर्माना

राज्य सूचना आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि एक माह में जानकारी नहीं देने पर आवेदक को निश्शुल्क प्रति उपलब्ध कराई गई है। लिहाजा शासन को इससे नुकसान हुआ है। लिहाजा प्रति पेज दो रुपये के हिसाब से जनसूचना अधिकारी(वर्तमान में तात्कालीन)एस भगत के खिलाफ राशि वसूलने की कार्रवाई की जाए।

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