
छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद संगठन का दबदबा देखने को मिल रहा है। भाजपा संगठन, कार्यकर्ताओं की समस्याओं को हल करने के लिए कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मंत्रियों के बैठने के जगह तय कर रही है। सरकार के सभी मंत्री एक निर्धारित समय पर पार्टी दफ्तर में बैठकर कार्यकर्ताओं की समस्याओं से रूबरू होंगे। दिलचस्प बात यह है कि गुजरात में भाजपा सरकार कोई भी बड़ा फैसला लेने के पहले संगठन के पदाधिकारियों को प्रजेटेंशन दिखाकर सहमति लेती है। भूपेश सरकार के समय भी संगठन ने इस तरह का कार्यक्रम बनाया था । लेकिन ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाया। कार्यकर्ताओं में असंतोष रहा। देखते हैं कि भाजपा संगठन और सत्ता के बीच यह तालमेल कब तक चलता है।
20 आईएएस अफसरों की चुनाव में ड्यूटी
विधानसभा चुनाव निपटने के बाद अफसर और कर्मचारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। हर जिले में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य तेजी से चल रहा है। निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के 30 आईएएस अफसरों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगाने के लिए राज्य सरकार से नाम मांगा है। बताया जाता है कि 20 अफसरों के नाम केन्द्रीय चुनाव आयोग को भेज दिए गए हैं । इन नामों पर लगभग सहमति बन गयी है। 15 फरवरी के बाद इन अधिकारियों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगने की संभावना है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर मंत्रालय से लेकर जिले तक के काम प्रभावित होने की संभावना है।
लॉयर पेनल में प्रतिभा तो है ..
राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए बड़ी संख्या में वकीलों की नियुक्ति होने के बावजूद भी शिकवा शिकायतों का दौर थम नहीं रहा है। नियम कानून और अधिकार की बात रखनें प्रतिभाशाली वकीलों को महाधिवक्ता ,अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाए जाने के बाद भी महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति के वकीलों को जगह नहीं दिए जाने पर कुछ संगठनों ने पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराया है। इसमें से कई वकील तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की लड़ाई भी लड़ते रहें है।
छत्तीसगढ़ में बदली-बदली सी दिख रही कांग्रेस
मौसम अचानक बदल गया है। दिनभर बदली छाई रहती है हल्की सी ठंड आ रही है। इसी तरह कांग्रेस भी कुछ बदली बदली सी दिखने लगी है। कांग्रेस सगंठन में इस समय नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत की चल रही है। लंबा राजनीतिक अनुभव रखने वाले डॉ महंत को कांग्रेस हाईकमान ने सभी गुटों के साथ समन्वय कर पार्टी के चलाने के लिए जवाबदारी दी है। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी महंत जी के महंती से खुश हैं। उनके साथ तालमेल बैठाकर नियुक्तियां और कार्यक्रम बना रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस बाबा समेत कई दिग्गज नेताओं को कांग्रेस हाईकमान से तवज्जों भी मिल रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की गतिविधियों में थोड़ा सा बदलाव देखने को मिल रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह
22 तारीख को अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी देशभर में जोर-शोर से चल रही है। ऐसे में भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लगभग हर शहर में आपसी प्रतिस्पर्धा चल रही है, दिवाली सा माहौल बन गया है। बड़े प्रतिष्ठित कालोनियों का बजट सुनकर हैरान हो जायेंगे। हर मंदिर चौक-चौराहे में तोरण पताका लगने के कारण रेट में भारी उछाल आ गया है। कई सामान ब्लेक में बिक रहे हैं। भंडारे इतने हो रहे हैं कि भोजन बनाने वाले नहीं मिल रहे है। राजधानी के लगभग छोटे -बड़े 200 मंदिरों में अभी तक भाजपा ने स्वच्छता अभियान चलाकर कमेटियों को सक्रिय कर दिया है। राम मंदिर से आने वाले फोन को अधिकारी भी तवज्जों देने लगे हैं।
मंत्री पीए का राजनीतिक भविष्य
कई मंत्रियों के विशेष सहायक और निजी सहायक की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। इन नियुक्तियों में संगठन की चलेगी या सरकार की इसको लेकर संशय की स्थिति बनी है। मंत्री के स्टाफ मे काम करने के इच्छुक अधिकारी व कर्मचारी आवेदन लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के विशेष सहायक बनने अधिक लोगों ने रूचि दिखाई क्योंकि टंकराम वर्मा का भाग्य यहीं से खुला है। राजस्व मंत्री टंकराम कभी दयाल दास बघेल के पीए रहे हैं। काम का अनुभव बखूबी सिखा है। इस बार भी दयाल दास बघेल ने मुंगेली जिले के एक अफसर का चयन अपने विशेष सहायक के रुप में किया है। इस अफसर का राजनीतिक भविष्य भी बेहतर होने की संभावना कई लोग देख रहे हैं।
सरकारी बंगला और विवाद
नगरीय प्रशासन मंत्री रहे डॉ शिवकुमार डहरिया के सरकारी बंगला छोड़ने के बाद टीवी, एसी सहित कई सामान गायब होने का मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि कलेक्टर बंगले से भी कुछ इसी तरह का प्रकरण सामने आया है।
बताते हैं कि बस्तर संभाग के एक जिले के कलेक्टर तो पद से हटने के बाद सारे सामान ले गए। नए कलेक्टर के लिए सरकारी बंगले में बैठने के लिए सोफा तक नहीं रह गया है। चर्चा तो यह भी है कि डेढ़ साल पहले जब वो कलेक्टर बनकर आए थे तो एक ट्रक सामान साथ लेकर आए थे और कुछ दिन पहले पद से हटे तो बंगले दो ट्रक से अधिक सामान लेकर निकले हैं। बात अफसरशाही की है, तो कुछ नहीं हुआ लेकिन इसकी कानाफूसी खूब हो रही है।
फारेस्ट अफसर की
ताकत
कांग्रेस सरकार में ताकतवर रहे कुछ अफसरों ने भाजपा सरकार में भी जगह बना ली है। ऐसे ही फारेस्ट के एक अफसर जिन्हें हटाने की खूब चर्चा चल रही थी उन्होंने विभाग की बजट चर्चा में अपना जौहर दिखाया और मंत्रीजी को इंप्रेस करने में सफल रहे।
अफसर ने मंत्रीजी को आवक-जावक का पूरा ब्यौरा दिया है। कांग्रेस के लोग भी अफसर से लोकसभा चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें पाले हुए हैं। अफसर, दोनों दलों को संतुष्ट कर पाते हैं या नहीं, यह तो जल्द पता चलेगा।