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तिरछी नजर 👀 : पुलिस की एक और लिस्ट तैयार…. ✒️✒️

पुलिस में फेरबदल की लिस्ट जल्द जारी हो सकती है। बताते हैं कि फेरबदल में कम से कम चार जिलों के एसपी बदले जा सकते हैं। चर्चा है कि दो जिलों के एसएसपी ने खुद होकर फील्ड से हटने की इच्छा जाहिर की है। फेरबदल प्रस्ताव पर चर्चा भी हो चुकी है। चुनाव आचार संहिता अक्टूबर के पहले हफ्ते में संभावित है। इस वजह से लिस्ट जल्द जारी करने का दबाव भी है।

साथी खिलाड़ी को निपटाया

सीएस अमिताभ जैन सौम्य हैं और नियम पसंद अफसर माने जाते हैं। कई बार निर्णय ऐसे कर जाते हैं, जो चौंकाने वाले होते हैं। ऐसे ही एक पदोन्नति प्रकरण में उन्होंने उस अफसर को सुपरसीड कर दिया, जो उनके साथ टेनिस खेलते रहे हैं। जूनियर अफसर को शीर्ष पद पर बिठाने के उनके फैसले की काफी आलोचना हो रही है। वैसे यह कहा जाता है कि सीएस जरूरत पड़ने पर सीनियर्स से सलाह जरूर लेते हैं, लेकिन महकमे शीर्ष पद के लिए हुए इस डीपीसी में उनकी भूमिका को लेकर हर कोई हैरान है।

सोशल मीडिया पर भड़ास…

विधानसभा चुनाव तैयारियों के बीच भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की नाराजगी बरकरार है।नाराज कार्यकर्ता संगठन की चल रही गतिविधियों से खुश नहीं है। नाराज कार्यकर्ता आमतौर पर खुलकर बोलते नहीं है। लेकिन अब कार्यकर्ताओं का धैर्य खत्म होता जा रहा है। इसका प्रमाण सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। राजधानी रायपुर और राजिम विधानसभा क्षेत्र सहित कई इलाकों के कार्यकर्ता ग्रुप बनाकर संगठन की गतिविधियों पर खुलकर टीका टिप्पणी कर रहे हैं ऐसे ही एक कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दिल्ली से आए संगठन के लोग 15 साल तक सत्ता की दलाली करने वाले लोगों से दूर रहे। यह भी लिखा गया कि सत्ता की मलाई खाने वाले लोगों के साथ संगठन पदाधिकारियों को देखने से कार्यकर्ता खुश नहीं है। दरअसल, भाजपा सरकार में हावी रहे नेताओं का दबदबा बढ़ रहा है। इससे कई इलाकों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दिख रही है।

टिकट में महिलाओं का दबदबा दिखेगा?

महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद माना जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस , महिला प्रत्याशियों की संख्या में वृद्बि कर सकती है। कांग्रेस ने विधानसभा में सर्वाधिक महिला प्रत्याशी दिये थे। यह आंकड़ा देश भर के विधानसभा में सबसे ऊपर है। कांग्रेस अपने सभी महिला विधायकों को फिर से टिकट देने का मन बना लिया है। थोड़ा बहुत उलट फेर की कोशिश हो रही थी, लेकिन महिला विधेयक आने के बाद महिला प्रत्याशियों को संकेत दे दिये गये हैं। दूसरी तरफ,भाजपा में महिला प्रत्याशी को लेकर उधेड़ बून चल रही है। पहली सूची में महिलाओं की संख्या ठीक है दूसरी , और तीसरी सूची में नाम जुड़वाने के लिए महिला मोर्चा के पदाधिकारी दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। कई पुरुष दावेदार अब दूसरे क्षेत्र की तरफ रुख कर दिये हैं।

ईडी के छापे की अफवाह से परेशान

ईडी और इनकम टैक्स के छापों का भय अभी भी अधिकारियों और व्यपारियों में बना हुआ है। आये दिन आफिस व उद्योग संस्थान में छापे की अफवाह कुछ लोग फैलाने में लगे हुए है। पिछले दिनों एक बड़े निर्माण विभाग में छापे की खबर से चपरासी से अधिकारी तक सहम गये थे। विधानसभा चुनाव के करीब आते आते ईडी से ज्यादा इनकम टैक्स विभाग के सक्रिय होने के संकेत मिलने लगे हैं। चुनाव के दौरान पैसे के उपयोग पर रोक के लिए कई बड़े छापे का हल्ला है। ईडी की आगामी कार्रवाई महादेव एप से जुड़े लोगों पर होने की चर्चा है।

रायपुर पश्चिम में जंग

पूर्व मंत्री राजेश मूणत और रायपुर पश्चिम से टिकट के बाकी दावेदारों के बीच तनातनी चल रही है। मूणत तो टिकट के स्वाभाविक दावेदार हैं लेकिन जिला उपाध्यक्ष आशु चंद्रवंशी और बसंत अग्रवाल भी पूरी दमदारी से टिकट मांग रहे हैं।
‌ ‌आशु चंद्रवंशी ने पूरे क्षेत्र का दौरा तेज कर दिया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पिछली आगमन के दौरान उनके बैनर पोस्टर को हटवा दिया गया था। इसके पीछे मूणत समर्थकों का हाथ माना जाता है। इन सबके बाद आशु के हौसले कम नहीं हुए और वो सक्रियता में किसी से पीछे नहीं है।
इसी तरह बसंत अग्रवाल के साथ मूणत समर्थकों की बहस हो चुकी है। बसंत ने कृष्णजन्मास्टमी के मौके पर विशाल दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया था। प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव की मौजूदगी में हजारों लोग इस कार्यक्रम में जुटे थे, लेकिन मूणत को न्योता नहीं दिया। पार्टी के कई नेता मूणत और विरोधियों को एक साथ बिठाकर सुलह सफाई की कोशिश में लगे हैं लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।

एक और बोर्ड का गठन

भूपेश सरकार ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश में जुड़ गई है बिलासपुर में दो एकड़ जमीन देने के बाद रायपुर में भी दो एकड़ जमीन देने की पहल अंतिम चरण में है इसके अलावा तीन राज्यों में ब्राह्मणों को मिलने वाली सहायता और निगम मंडल गठन की प्रक्रियाओं को मंगाई गई है तेलंगना कर्नाटक सहित कई राज्यों में ब्राह्मण बोर्ड का गठन किया गया है उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी चुनाव से पहले बोर्ड गठन करने की कवायत चल रही है कितनी सफल होती है देखना है इसकी जिम्मेदारी एक सेवानिवृत्ति बड़े अफसर को सौंप गई .कांग्रेस की टिकट में भी ब्राह्मणों को तवज्जो मिलने के संकेत दिए गए हैं

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