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SHRADDHA MURDER CASE : आफताब ने श्रद्धा की हड्डियों को जलाया, ग्राइंडर में पीसकर पाउडर को सड़क पर फेंका, अजीब खुलासा !

SHRADDHA MURDER CASE: Aftab burnt Shraddha’s bones, grinded them in a grinder and threw the powder on the road, strange revelation!

नई दिल्ली। दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब पूनावाला का कबूलनामा सामने आया है. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में आफताब के कबूलनामे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसमें आरोपी ने बताया कि उसने कैसे श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाया. आरोपी ने इसमें बताया कि उसने लाश के टुकड़ों को पेट्रोल से जलाया और कई हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर उसके पाउडर को सड़क पर फेंका था.

आफताब के कबूलनामे में लिखा है कि हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए ट्रिप का प्लान किया. हम दोनों ट्रिप के लिए 28-29 मार्च 2022 को मुंबई से निकल गए और हरिद्वार पहुंच गए. फिर ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए पार्वती वैली पहुंचे. जहां हमें बद्री नाम का लड़का मिला जिससे हमारी बंबल एप से दोस्ती हुई थी. उसने हमें अपने घर दिल्ली आने के लिए कहा था.

दिल्ली में दोस्त ने अपने घर से निकाला

आरोपी ने बताया कि हम करीब एक सवा महीने घूमने के बाद मई 2022 के पहले हफ्ते में दिनांक 5/05/2022 को बद्री के घर छत्तरपुर पहाड़ी दिल्ली पर पहुंचे थे. हम उसके घर पर करीब आठ-दस दिन रुके थे और वहां भी मेरे और श्रद्धा के बीच झगड़े हुए थे. इस कारण से हमारा ब्रेक अप हो गया था. मेरे और श्रद्धा के बीच में अक्सर झगड़ा होने के कारण बद्री ने हमें अपने घर से जाने को कहा. इसके बाद करीब दो दिन बाद कहीं और रुककर 16 मई 2022 से हम दोनों ने ब्रोकर राहुल रॉय के जरिये छत्तरपुर पहाड़ी में मकान किराए पर ले लिया और रहने लगे.

छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होने लगा

उस समय हम दोनों की कहीं जॉब भी नहीं थी और ज्यादातर पैसा ट्रिप में खर्च हो चुका था. यहां पर भी हम दोनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर काफी झगड़ा होने लगा. 18 मई 2022 को उसने मुझे अपने किराए के घर वसई से जाकर घर का सामान लाने की बात कही, लेकिन मैंने उसे तबीयत खराब होना बोलकर जाने से मना किया था. इससे वो गुस्से में आ गयी व कहने लगी कि दोनों के पास केवल दो बैग हैं और खाने पीने का कोई सामान नहीं है. रोजाना मार्केट का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है.

खर्चे के पैसे पर गाली गलोच की

मैंने उसे खर्चे का आधा पैसा देने की बात कही जिस पर वो आग बबूला हो गयी और मुझसे गाली गलोच करने लगी. मैंने उसकी झगड़ा करने की आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए उसको रास्ते से हटाने की बात ठान ली. फिर 18 मई को उसको जान से मारने के लिए पकड़कर फर्श पर गिरा दिया और उसकी छाती पर बैठकर अपने दोनों हाथों से कसकर उसका गला तब तक दबाये रखा जब तक वह मर नहीं गयी.

डेड बॉडी को डिस्पोज करने के लिए टुकड़े किए

इसके बाद उसकी डेड बॉडी को बाथरूम में छिपा दिया. फिर मैंने उसकी डेड बॉडी को डिस्पोज करने के लिए उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके किसी बड़े ब्रीफकेस में डालकर कही फेंकने की प्लानिंग की और 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी से एक हार्डवेयर की दुकान से एक हैमर, एक आरी और उसकी तीन ब्लेड खरीदी.

इसके बाद मैंने उसकी डेड बॉडी के टुकड़े करने शुरू कर दिए. 19 मई 2022 को मैंने मंदिर वाली रोड छत्तरपुर के पास एक दुकान से ट्रेश बैग, एक चाकू और एक चॉपर खरीदा था. चाकू को बैग में रख दिया और बैग को पीठ पर टांगते हुए जा रहा था उससे मेरे सीधे हाथ में बने टैटू पर कट लग गया था. जिस पर मैंने पड़ोस के डाक्टर से कट पर पांच टांके लगवाए थे.

फ्रिज खरीदकर बॉडी पार्ट उसमें रखे

इसके बाद मैंने 25 हजार रुपये में एक फ्रिज खरीदा था. फ्रिज मेरे पते पर उसी दिन शाम को दुकानदार ने भिजवा दिया था. शाम को मैंने कुछ बॉडी पार्ट ट्रैश बैग में डाल कर पैक किए थे और कुछ बॉडी पार्ट्स को फ्रिज के फ्रीजर में रख दिया. बॉडी पार्ट्स को काटने के बाद फैले खून को साफ करने के लिए मैंने तभी शॉपिंग एप से टायलट क्लीनर, ब्लीच, हैंडवॉश और बाकी सामान खरीदा. सामान की डिलीवरी होने पर मैंने फैले हुए खून को साफ कर दिया था.

पहले ब्रीफकेस से डेड बॉडी ठिकाने लगाने की प्लानिंग की

20 मई को मैंने डेड बॉडी के टुकड़ों कों ठिकाने लगाने के लिए प्लानिंग के तहत महरौली मार्किट से एक लाल रंग का बड़ा ब्रीफकेस खरीदा था. ब्रीफकेस खरीदकर घर लाकर मैंने उसमें टुकड़े रखे तो ब्रीफकेस का वजन भारी हो गया. ऐसे में पकड़े जाने के डर से इस प्लान को छोड़ दिया था. फिर उसकी डेड बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए छोटे-छोटे टुकड़े जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंकने की प्लानिंग की.

कैसे लगाया श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को ठिकाने

मैंने लाश के टुकड़ों को पेट्रोल से जलाया और कई हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर उसके पाउडर को 100 फूटा सड़क पर डाल दिया था. उसकी बॉडी के कुछ पार्ट पॉलिथीन में डालकर 60 फुटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी पर रखे एक डस्टबिन में डाल दिए. उसके कुछ अन्य बॉडी पार्ट्स को छत्तरपुर पहाड़ी के श्मशान घाट के पास वाले जंगल, रेन बसेरा उत्तरपुर एन्क्लेव के पीछे जंगल, गुरुग्राम की तरफ जाने वाले एमजी रोड और छत्तरपुर पहाड़ी के पास जंगल में फेंका था. इनमें कई को सबूत खत्म करने के मकसद से पेट्रोल डालकर जला दिया था. वारदात के करीब तीन चार महीनों बाद उसके सिर को छत्तरपुर एन्क्लेव के जंगल में फेंक दिया था.

श्रद्धा के दोस्तों-परिवार को कैसे चकमा दिया?

वारदात के बाद श्रद्धा का इंस्टाग्राम मेरे फोन में लॉगिन था जिससे मैंने श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण को रिप्लाई किया था. उसको मारने वाले दिन मैंने उसके मोबाइल फोन से अपने अकाउंट में 54000 रुपये दो बार में ट्रान्सफर किये थे. इसके बाद मैं मुंबई में जून के पहले हफ्ते में अपने वसई वाले किराये के मकान से सामान लाने गया था. इसके बाद मैं वापस छत्तरपुर पहाड़ी आ गया था. जब मुझे महाराष्ट्र पुलिस ने श्रद्धा के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया था तो वहां से वापस आते हुए मुझसे श्रद्धा का फोन कहीं गुम हो गया.

वारदात के बाद मैंने एक नया फोन खरीद लिया और एक्सचेंज ऑफर में अपना पहले वाला फोन अमेजन पर बेच दिया था. श्रद्धा के होठों पर लगा हुआ स्टड व उसका एक मोबाइल फोन मैंने एक डिब्बे में डालकर मुम्बई की मीरा रोड इलाके में चलती ट्रेन से माणिकपुर पुलिस के पास जाते समय फेंक दिया था. मैंने श्रद्धा का मर्डर करके उसकी बॉडी को काटकर अलग-अलग जगह डिस्पोज करके सबूत मिटाए हैं. मुझसे गलती हो गयी मुझे माफ किया जाये.

 

 

 

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