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RUPEE AT ALL TIME LOW : भारतीय रुपया फिर कमजोर, डॉलर के मुकाबले पहुंचा रिकॉर्ड निचले स्तर पर

RUPEE AT ALL TIME LOW: Indian rupee weak again, reaches record low against dollar

नई दिल्ली। भारतीय करेंसी रुपये की गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भी रुपये में भारी गिरावट देखने को मिली। डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे कमजोर होकर 87.94 के नए लो-लेवल पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। लगातार गिरती भारतीय मुद्रा ने आम जनता की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे महंगाई का खतरा और गहरा सकता है।

रुपये में लगातार गिरावट, क्या 100 के पार जाएगा?

रुपये की कमजोरी का दौर लंबे समय से जारी है। इस महीने की शुरुआत में पहली बार रुपया 87 के स्तर को पार कर गया था, और अब सोमवार को यह 87.94 प्रति डॉलर तक गिर गया। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हालात नहीं संभले, तो रुपये की यह गिरावट 100 के स्तर तक भी पहुंच सकती है।

रुपये की गिरावट के पीछे क्या वजहें?

विशेषज्ञों के मुताबिक, रुपये में गिरावट के पीछे कई कारण हैं :

अमेरिकी नीतियां : अमेरिका में टैरिफ वॉर और बढ़ती ब्याज दरों का असर रुपये पर पड़ा है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली : भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक लगातार पैसे निकाल रहे हैं, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा है।

डॉलर की मजबूती : अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से अन्य वैश्विक मुद्राओं की तरह भारतीय रुपया भी कमजोर हो रहा है।

महंगाई का बढ़ता खतरा

रुपये की गिरावट से महंगाई भी बढ़ सकती है। भारत अपनी जरूरत का 80% कच्चा तेल आयात करता है। जब रुपया कमजोर होता है, तो डॉलर में भुगतान अधिक करना पड़ता है, जिससे पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं। इसका सीधा असर ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स पर पड़ेगा, जिससे रोजमर्रा की चीजें भी महंगी हो सकती हैं।

RBI कर रहा प्रयास, लेकिन गिरावट पर ब्रेक जरूरी

वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की लगातार गिरावट को रोकने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था पर अधिक दबाव न पड़े।

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