RSS नेता का हमला, बीजेपी और संघ के नेताओं को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाना चाहती थी मनमोहन सरकार
RSS Accuses UPA: साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट (Malegaon Blast) मामले में एक नया मोड़ आया है. दरअसल इस मामले में कल कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक गवाह मुकर गया. गवाह ने कोर्ट में कहा कि उसे तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस द्वारा प्रताड़ित किया गया था और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को ‘झूठा फंसाने’ के लिए ‘मजबूर’ किया गया था. वहीं अब इस मामले पर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की है. Also Read – Nagaland Firing: नगालैंड फायरिंग घटनास्थल का आज मुआयना करेगा सेना का जांच दल, 14 गांववालों की हत्या का मामला कुमार ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने इसे आतंकवाद से जोड़ने के लिए ‘भगवा’ के खिलाफ साजिश रची जिसके लिए उन्हें योगी से माफी मांगनी चाहिए. बयान से मुकरें 15 गवाह बता दें कि कल के गवाह को मिलाकर अपने बयान से मुकरने वाला अब तक का ये 15वां गवाह है. वहीं साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके मामले की सुनवाई में अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है. कल की सुनवाई से पहले अगस्त में एक गवाह लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने से मुकर गया था. मामले के आरोपियों में लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं. ये सभी जमानत पर बाहर हैं. Also Read – पुलिस अफसर को लगा 2 लाख का जुर्माना, बुजुर्ग को झूठे मामले में फंसाने का आरोप क्या था मालेगांव में हुआ 2008 का बम धमाका? 29 सितंबर 2008 की रात करीब 9 बजकर 35 मिनट पर मालेगांव में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी (Shakeel Goods Transport Company) के ठीक सामने एक बम धमाका हुआ था. यह धमाका LML मोटरसाइकिल में हुआ था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 101 लोग घायल हुए थे. धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था. चूंकि यह मामला आतंक से जुड़ा हुआ था, इसलिए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के आदेश के बाद महाराष्ट्र ATS ने इस मामले की जांच अपने पास ली और 21 अक्टूबर 2008 को एफआईआर (FIR) में UAPA और मकोका (MCOCA) की धारा लगाई गई.