ROYAL FAMILY ROLLS ROYCE CASE : रोल्स रॉयस कार को लेकर शाही परिवार में विवाद, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

ROYAL FAMILY ROLLS ROYCE CASE : Dispute in the royal family over Rolls Royce car, Supreme Court reprimanded
नई दिल्ली, 16 मई 2025। ROYAL FAMILY ROLLS ROYCE CASE ग्वालियर के कथित शाही परिवार में दहेज विवाद और एक दुर्लभ रोल्स रॉयस कार को लेकर उपजा पारिवारिक विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने दोनों पक्षों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि “राजा-महाराजा की तरह व्यवहार करना बंद करें, देश में 75 साल से लोकतंत्र है।”
मामला एक दंपति के बीच विवाद से जुड़ा है, जिसमें महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज में रोल्स रॉयस कार और मुंबई के फ्लैट की मांग करने के आरोप लगाए हैं। वहीं पति की ओर से भी पत्नी और उसके रिश्तेदारों पर विवाह प्रमाण पत्र में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज कराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराज़गी
ROYAL FAMILY ROLLS ROYCE CASE न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला “दो शाही परिवारों के बीच अहंकार की टक्कर” जैसा बन गया है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर मध्यस्थता के जरिए हल नहीं निकला, तो वह तीन दिन में सख्त आदेश जारी करेगा।
महिला के गंभीर आरोप
ग्वालियर निवासी महिला ने कहा कि वह एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती है, जिनके पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना में एडमिरल थे। महिला का आरोप है कि जब उसकी ससुराल वालों की रोल्स रॉयस और फ्लैट की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो उन्होंने विवाह से मुकरना शुरू कर दिया और उसका चरित्र हनन करने लगे।
पति ने क्या कहा?
महिला के पति ने इन आरोपों से इनकार किया है और खुद को सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा बताते हुए कहा कि वह मध्यप्रदेश में एक स्कूल चलाते हैं। उन्होंने महिला, उसके माता-पिता और रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।
1951 मॉडल की रोल्स रॉयस बनी विवाद की जड़
विवाद की केंद्रीय वजह एक दुर्लभ 1951 मॉडल रोल्स रॉयस कार है, जिसकी कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह कार कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा बड़ौदा की महारानी के लिए बनवाई गई थी, और अपने मॉडल की एकमात्र कार मानी जाती है।
कोर्ट ने सुझाया समझौते का रास्ता
ROYAL FAMILY ROLLS ROYCE CASE कोर्ट ने कहा कि विवाद धन और संपत्ति से जुड़ा है तो उसे कानूनी तरीके से सुलझाया जा सकता है, लेकिन दोनों पक्षों को आम सहमति बनानी होगी। कोर्ट ने वकीलों से कहा कि वे अपने मुवक्किलों से बातचीत कर अदालत को उनकी मंशा बताएं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद यह मामला अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। कोर्ट का रुख साफ है – अगर समझौता नहीं हुआ तो वह सख्त आदेश देने से नहीं हिचकेगा। इस पूरे विवाद ने यह दिखा दिया कि “शाही परिवार” की विरासत आज के लोकतांत्रिक मूल्यों से कितनी दूर हो सकती है।