Trending Nowशहर एवं राज्य

ROHIT VEMULA SUICIDE : वोटिंग से 10 दिन पहले पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर क्यों मचा बवाल ? जानिए रोहित वेमुला आत्महत्या मामले की सच्चाई

ROHIT VEMULA SUICIDE: Why was there an uproar over the police closure report 10 days before voting? Know the truth of Rohit Vemula suicide case

हैदराबाद। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में हैदराबाद पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी और इस मामले में उकसाने के आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। जब यह खबर मीडिया में सुर्खियां बनीं तो तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि क्लोजर रिपोर्ट की जांच की जाएगी। पुलिस ने बताया कि मीडिया में चल रही रिपोर्ट 2018 में बनाई गई थी और उसे मार्च 2024 में जांच अधिकारी के सामने लाया गया। रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पुलिस का एक्शन लोकसभा चुनाव के वोटिंग से करीब 10 दिन पहले सामने आया है। 13 मई को राज्य की 17 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा।

क्लोजर रिपोर्ट आते ही बदल गई राजनीति, बीजेपी के निशाने पर राहुल –

रोहित वेमुला ने जनवरी 2016 में खुदकुशी की थी। तब राज्य में टीआरएस और केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शिक्षा मंत्रालय का कामकाज देख रही थी। तब कांग्रेस विपक्ष में थी। आठ साल बाद तेलंगाना की राजनीति बदल गई है। क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के दौरान कांग्रेस तेलंगाना की सत्ता में है और बीआरएस विपक्ष में है। केंद्र में भी शिक्षा मंत्रालय के मंत्री बदल चुके हैं। सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंगारू दत्तात्रेय अब हरियाणा के राज्यपाल हैं। क्लीन चिट मिलने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। रोहित की आत्महत्या का मुद्दा राहुल गांधी ने भी जोर-शोर से उठाया था। रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की हिस्सा भी रहीं। अब बीजेपी राहुल गांधी पर मौत के राजनीतिकरण का आरोप लगा रही है। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी से दलितों से माफी मांगने की डिमांड कर दी है। कांग्रेस की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, एनएसयूआई ने इस रिपोर्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया है।

2016 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में क्या बवाल हुआ था –

26 साल के रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को हैदराबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में खुदकुशी की थी। आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के मेंबर रहे रोहित छात्र राजनीति में काफी सक्रिय थे। उनके संगठन ने याकून मेमन को फांसी का विरोध किया था। 2015 में रोहित समेत पांच छात्रों पर एबीवीपी के सदस्य पर हमला करने का आरोप लगे थे। सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंगारू दत्तात्रेय ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में राष्ट्रविरोधी गतिविधि के आरोप लगाया था। मारपीट की घटना की जांच के बाद 21 दिसंबर को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपी दलित छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया था। इसके बाद रोहित वेमुला की आत्महत्या की खबर आई। रोहित की मौत के बाद कुलपति अप्पा राव, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद बंगारू दत्तात्रेय समेत एबीवीपी के कई नेताओं पर खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप लगे। फिर जेएनयू समेत पूरे देश के यूनिवर्सिटीज में विरोध प्रदर्शन हुए थे। रोहित वेमुला को न्याय दिलाने की मांग कर रहे कांग्रेस और वामपंथी छात्र संगठनों ने ‘राष्ट्रवादी दहशत’ को आत्महत्या का कारण बताया। रोहित के समर्थन और हैदराबाद यूनिवर्सिटी की कार्यशैली के विरोध में दर्जनों लेख लिखे गए। सीएम केसीआर ने इस केस की जांच हैदराबाद पुलिस को सौंप दी।

रोहित के तनाव के कारण, जो पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में गिनवाएकरीब 8 साल बाद तेलंगाना पुलिस ने आत्महत्या मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। क्लोजर रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे। उनकी मां ने फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के सहारे अकैडमिक लाभ दिलाए। रोहित अपने असली पहचान को जानते थे, इसलिए तनाव में थे। उन्हें चिंता थी कि अगर फर्जी प्रमाण पत्र का सच सार्वजनिक हो गया तो उनकी प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगा। इसके अलावा रोहित वेमुला के तनाव के कई कारण गिनाए गए हैं। रोहित पढ़ाई से ज्यादा राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहे, जिस कारण वह अपनी पहली पीएचडी दो साल के बाद छोड़ दी थी। दूसरी पीएचडी में भी वह खास नहीं कर पाए। इस केस की जांच में किसी की ओर से आत्महत्या के लिए उकसाने के सबूत भी नहीं मिले। क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद रोहित के भाई राजा वेमुला ने जाति प्रमाणपत्र के बारे में बयान दिया है। उन्होंने बताया कि जिले के कलक्टर ने उनके परिवार की जाति पर कोई फैसला नहीं लिया है, इसलिए पुलिस के दावे से वह सहमत नहीं है। रोहित के परिवार ने पुलिस के इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है। उनकी मां ने भी जांच पर सवाल उठाए हैं। अब तेलंगाना पुलिस इस मामले की आगे भी जांच करेगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

advt--0005-april
advt--0007-april
advt-april2025-001
Share This: