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RAIPUR NEWS : महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर ठंडी क्यों पड़ी भाजपा ?

RAIPUR NEWS: Why did BJP cool down on the no-confidence motion against the Mayor?

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब शहर सरकार बनाने के लिए 15 वर्षों से वनवास झेल रहे भाजपा पार्षदों ने सत्ता में वापसी के लिए राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी की है। पिछले दिनों महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान भी किया, लेकिन पखवाड़ेभर बाद भी भाजपा पार्षद कुछ नहीं कर सके। अब तो पार्षदों के तेवर ही ढीले पड़ गए हैं।

दरअसल, सालभर बाद होने वाले महापौर चुनाव में कांग्रेस को मात देकर ही भाजपा निगम में सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है, इसलिए महापौर का कार्यकाल समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं भाजपा पार्षद इस कोशिश में लगे हैं कि इस बार निगम के होने वाले चुनाव में महापौर का चुनाव भी जनता के मत से न कि जैसे पिछली कांग्रेस सरकार ने पार्षदों से महापौर का चयन कराने का नियम बनाया था। लिहाजा भाजपा सरकार अब फिर से जनता के जरिए ही महापौर चुनने पर विचार कर रही है।

महापौर एजाज ढेबर को हटाने को लेकर भाजपा पार्षदों ने यह दावा किया था कि उनके साथ कांग्रेस के कुछ पार्षदों का समर्थन है, लेकिन अब तक एक भी कांग्रेसी पार्षद समर्थन में न तो सामने आए न ही किसी तरह की बयान जारी किए।

रायपुर महापौर से कई कांग्रेसी पार्षद नाराज –

भाजपा पार्षदों का मानना था कि यदि महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो उन्हें आसानी से सफलता मिल जाती। इसके पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि महापौर की कार्यशैली से कई कांग्रेसी पार्षद नाराज चल रहे हैं। ऐसे कई पार्षदों का समर्थन जुटाने में भाजपा पार्षदों को मशक्कत नहीं करनी पड़ती।

इसी बीच संगठन के साथ बैठक में यह चर्चा की गई कि ऐसा करने से गलत संदेश जा सकता है, लिहाजा तय किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के बजाय शहर के सभी 70 वार्डों में लोगों की समस्याओं का निराकरण कराने और पार्टी को मजबूत करने के ठोस योजना बनाकर काम किया जाए। इसका फायदा नवंबर-दिसंबर 2024 में नगर निगम के होने वाले चुनाव में मिलेगा। प्रदेश में पार्टी सत्ता की सत्ता के सहारे शहर सरकार बनाने में आसानी होगी।

2009 में भाजपा के हाथ से गई थी शहरी सत्ता –

2004 से 2009 तक रायपुर नगर निगम में भाजपा के महापौर रहे। इसके बाद से निगम में कांग्रेस सत्तासीन है। डा. किरणमयी नायक, प्रमोद दुबे के बाद एजाज ढेबर महापौर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में हुए नगरीय निकायों के निर्वाचन प्रक्रिया में बदलाव होने पर पार्षदों के जरिए एजाज ढेबर महापौर निर्वाचित हुए थे, जिनका कार्यकाल दिसंबर 2024 तक है।

रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, कांग्रेस के महापौर की कार्यशैली से शहर की जनता काफी परेशान है। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार से करोड़ों रुपये मिले, परंतु कोई भी काम योजना के अनुसार नहीं किया गया। महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। कई कांग्रेसी पार्षद भी हमारे संपर्क में हैं। इस संबंध में पार्टी संगठन से चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।

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