
RAIPUR NEWS: Sensational case of hoarding scam in Municipal Corporation, read full news
रायपुर। सरकारी विभाग और ठेका कंपनियों के बीच किस हद तक गठजोड़ होता हैं, इसकी बानगी राजधानी रायपुर में देखी जा सकती हैं। यहां नगर निगम के अफसरों ने एड एजेंसियों को फायदा पहुंचाने के लिए ठेका देने से पहले ना तो एमआईसी में प्रस्ताव पास कराया और ना ही महापौर के संज्ञान में इस बात की जानकारी लायी गयी। इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद अब महापौर ऐजाज ढेबर एक्शन में नजर आ रहे हैं। उन्होने मीडिया के सामने साफ किया कि अधिकारियों ने मनमानी की हैं, इसकी जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
राजधानी रायपुर के नगर निगम में होर्डिग घोटाला का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। नगर निगम के महापौर ऐजाज ढेबर ने इस मामले पर खुलासा करते हुए आरोप लगाया हैं कि निगम के अधिकारियों ने एड एजेंसियों से पैसे लेकर मनमाने ढंग से कही भी पोल लगवाकर होर्डिंग लगवा दी। इतना ही नहीं रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के सामने चौराहे पर एक ठेकेदार को काम देकर वहां अपनी मर्जी से चौराहा बनवा दिया। इसकी जानकारी न पार्षद को है, न महापौर को और नही कलेक्टर और विधायक को है। महापौर से छुपाकर अफसरों ने 27 करोड़ का घोटाला किया है। जिसको लेकर अब महापौर एजाज ढेबर ने होर्डिंग घोटाला करने वाले अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की बात कह रहे हैं। वही उन्होने अवैध चौक को तोड़ने का आदेश दिया है।
आपको बता दे कि निगम के अफसरों की गड़बड़ी को खुद महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर का काम दे दिया। मनमानी ढंग से रेट दिए गए। माता सुंदरी स्कूल के पास बने चौक को लेकर कहा कि इसे किसने बनाया और काम कौन कर रहा है, इसकी किसी को जानकारी ही नहीं है। उसकी तलाश की जा रही है। इसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत होगी। जिस पर कार्रवाई की जाएगी। महापौर एजाज ढेबर ने गुरुवार को एमआईसी की बैठक ली। इसके बाद उन्होंने बताया कि मैंने जांच में पाया है कि जो अभी होर्डिंग्स लगी हैं, उनमें गंभीर अनियमितता है। जिसे मन चाहा टेंडर दिया गया है। 15 बाय 9 की साइज को मनमानी ढंग से 18 बाय 18 किया गया। रेट जो लगने थे नहीं लगे। एमआईसी में रेट फाइनल करने का प्रस्ताव आना चाहिए था…. नहीं आया। शहर में बेतरतीब होर्डिंग, युनिपोल लग गए जो कि अवैध होर्डिंग है। महापौर ने आगे बताया कि 7 लोगों की समिति बनाई गई है। मैं भी समिति मे हूं, मेरे आंकलन के मुताबिक करीब 27 करोड़ का घोटाला हुआ है।
महापौर होने के नाते मैं चाहता हूं कि निगम का राजस्व बढ़े। लेकिन ऐसी बढा़ेतरी नहीं चाहिए, अफसरों ने एड एजेंसियों को फायदा पहुंचाने के मुताबिक काम कर दिया है। जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। वही महापौर ऐजाज ढेबर ने बताया कि यदि वे संतुष्ट नहीं हुए, तो लोकायुक्त में जायेंगे। ये मामला शहर की सुरक्षा की दृष्टि से जुड़ा है। अगर कल को कोई हादसा हुआ तो जवाबदार कौन होगा। कंपनियों ने लॉस बताया उन्हें भी काम दिया गया है। जिनके चेक बाउंस हुए ऐसी कंपनियों को काम दिया गया है। मगर इसमें अब जितने होर्डिंग्स लगे हैं सबको नापा जाएगा। सबके टेंडर ऑनलाइन किये जायेंगे। महापौर ने साफ किया हैं कि यहां से नहीं होगा, तो जहां भी जाना पड़े चाहे सीएम के पास जाना पड़े जाएंगे। क्योंकि ये रायपुर के विकास से जुड़ा मुद्दा है। वसूली की जाएगी, अफसरों का निलंबन और दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी होगी। इसके साथ ही टेंडर को रदद् भी करेंगे।