Principle Promotion: प्राचार्य पदोन्नति विवाद पर कल हाई कोर्ट के में होगी सुनवाई

Principle Promotion: बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय किए गए मापदंड व नियमों को चुनौती देते हुए नारायण प्रकाश तिवारी ने सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। डिवीजन बेंच ने आधा दर्जन याचिकाओं को पहले ही खारिज कर दिया है। सिंगल बेंच में इसी से संबंधित याचिका लगी होने के कारण डिवीजन बेंच के फैसले के बाद भी राज्य शासन द्वारा पदस्थापना संबंधी आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार के साथ ही पदोन्नत होने वाले व्याख्याताओं व हेड मास्टर को सिंगल बेंच के फैसले का इंतजार है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में होगी।
प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दो हस्तक्षेप याचिका भी दायर होने की चर्चा है। यह भी बुधवार को ही तय होगा कि कोर्ट इसे सुनवाई के लिए स्वीकार करता है या फिर पूर्व की याचिका के अनुसार आगे की सुनवाई जारी रखता है। बहरहाल कोर्ट ने पहले ही याचिकाकर्ता की अधिवक्ता को 16 जुलाई को कोर्ट में उपस्थित रहने और याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखने की बात कही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उनकी अनुपस्थिति में भी सुनवाई जारी रहेगी।
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स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 को व्याख्याता एवं प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय से प्राचार्य पदोन्नति के कुल 2813 प्राचार्य की पदस्थापना आदेश जारी किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 4690 है। जिसमें वर्तमान में 1430 प्राचार्य कार्यरत हैं। पदोन्नति के कुल 3224 पद विगत कई वर्षों से रिक्त है। स्कूल शिक्षा में वर्ष 2016 एवं आदिम जाति कल्याण विभाग जो कि अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन है उसमें वर्ष 2013 में अंतिम बार पदोन्नति हुई थी।
बीते 10 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं होने के कारण चार संगठनों ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम का गठन करते हुए 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती एवं महानदी भवन के समक्ष हजारों की तादात में प्रदर्शन कर शासन पर प्राचार्य पदोन्नति का दबाव बनाया था। शासन ने प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी कर किया तो पदोन्नति के विरुद्ध हाई कोर्ट में दायर की गई थी। समस्त याचिकाओ के विरुद्ध,प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने हस्तक्षेप याचिका दायर किया था।