PRESIDENT ELECTION : कौन है वह प्रत्याशी ? जिसका कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से नामांकन हुआ रद्द! अब बचे खड़गे और थरूर
Who is that candidate? Whose nomination was canceled from the race for the post of Congress President! Now Kharge and Tharoor are left
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच होगा. तीसरे प्रत्याशी झारखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री केएन त्रिपाठी का नामांकन कैंसिल हो गया है. हालांकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है. इसलिए उसी दिन तस्वीर साफ हो पाएगी कि चुनाव होगा या नहीं. अगर किसी ने अपना पर्चा वापस नहीं लिया तो चुनाव होगा. एक ही प्रत्याशी का नाम बने रहने की स्थिति में उसे ही कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रभारी मधुसूधन मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उम्मीदवारों के फॉर्म की जांच की जा चुकी है. इनमें 20 फॉर्म्स में से 4 में फॉर्म्स में हस्ताक्षर में भिन्नता पाई गई, जिसकी वजह से उन्हें अस्वीकृत कर दिया गया. अब इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने होंगे. झारखंड के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी का फॉर्म रिजेक्ट हो गया.
मिस्त्री ने कहा कि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है. मौजूदा परिस्थिति में लग रहा है कि खड़गे और थरूर के बीच ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा. अगर इन दोनों में से कोई पर्चा वापस नहीं लेता है तभी चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
17 अक्टूबर को होगा चुनाव –
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. नामांकन के आखिरी दिन शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी नामांकन किया था. केएन त्रिपाठी ने कहा था, ”मैंने आज पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन किया. पार्टी नेताओं का जो भी निर्णय होगा, मैं उसका सम्मान करूंगा.” इससे पहले केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन दाखिल किया.
कौन हैं केएन त्रिपाठी? –
कृष्णानंद त्रिपाठी उर्फ केएन त्रिपाठी झारखंड से हैं. वे राजनीति में आने से पहले एयरफोर्स में थे. सेना की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए. 2005 में कांग्रेस के टिकट पर डालटनगंज सीट से चुनाव लड़े. हालांकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2009 में फिर डालटनगंज सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसके बाद उन्हें राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया. हालांकि, 2014 में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने छोड़ा नेता प्रतिपक्ष पद –
कांग्रेग अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने के साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में ‘एक नेता, एक पद’ का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की संभावना थी. तब उनसे ‘एक नेता, एक पद’ को लेकर सवाल किया गया था, जिसे लेकर उन्होंने कहा था कि चुनाव में तो कोई भी खड़ा हो सकता है. हालांकि उनके सुर कुछ दिन बाद बदल गए थे.
लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय बना रहा, तेजी से घटनाक्रम बदले और अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए. वहीं अब राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन रहेगा, इसे लेकर पार्टी आलाकमान के फैसले पर सभी की नजर है.