POLITICAL NEWS : आखिर क्यों बना रायपुर का मेफेयर रिसॉर्ट राजनीतिक हस्तियों की पहली पसंद ?
Why Raipur’s Mayfair resort became the first choice of political personalities?
रायपुर। झारखंड में हेमंत सोरेन की सीएम कुर्सी बचेगी या नहीं अभी कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन हेमंत को विधायकों के टूटने का डर सताया हुआ है. इसीलिए पहले वह सभी विधायकों को बस से पिकनिक मनाने ले गए और अब 32 विधायकों को विमान से छत्तीसगढ़ पहुंचा दिया गया है. यहां विधायक मेफेयर रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं. ये लोग कितने दिन रुकेंगे अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. झारखंड के इस राजनीतिक संकट के कारण मेफेयर एक बार फिर रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के लिए चर्चा में आ गया है. जानकारी के मुताबिक रिसॉर्ट में कांग्रेस से 12, JMM के 19 और राजद के 1 विधायक शामिल हैं.
यहां पहले भी इस तरह के हालातों में विधायकों का स्वागत किया जा चुका है. अब 32 झामुमो-कांग्रेस विधायकों और राज्य कैबिनेट मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल एक विशेष विमान से मंगलवार रात को रायपुर एयरपोर्ट से सीधे इस रिसॉर्ट में पहुंच गया.
– मेफेयर रिसॉर्ट रायपुर के बाहरी इलाके में स्थित है, जो प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. यह स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे से केवल 10 किमी, मुख्य बाजार से 15 किमी और रेलवे स्टेशन से 25 किमी की दूरी पर है.
– झांग झील पर स्थित मेफेयर रिसॉर्ट के चारों ओर का नजारा बहुत सुंदर है. यह 5 स्टार होटल अपने गेस्ट को विश्व स्तरीय सुविधाएं देता है. इस रिसॉर्ट में 178 सुइट्स हैं, जिनकी कीमत 5 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपये तक है. इसका बहु-व्यंजन रेस्तरां दुनिया भर व्यंजन पेश करता है.
– इसमें एक शानदार पूल फेसिंग बार है. इसका कैफे बहुत ही आकर्षक है. यहां हॉट टब, फिटनेस रूम और गेम्स रूम के साथ-साथ शानदार लक्ज़री स्पा भी है.
27 अगस्त को विधायकों के साथ चले गए थे खूंटी –
रांची के सीएम आवास पर 27 अगस्त को बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने 41 विधायकों को 3 बसों में लेकर खूंटी के लतरातू डैम पर बने रिसॉर्ट के लिए रवाना हो गए थे. चर्चा थी कि हॉर्स ट्रेडिंग के डर से उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है. बस में बैठे सभी विधायकों के फोन भी ऑफ करा लिए गए थे. उस समय ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि विधायकों को छत्तीसगढ़ के मेफेयर रिसॉर्ट शिफ्ट किया जाएगा, इसलिए मेफेयर होटल की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
इसलिए डरे हुए हैं हेमंत सोरेन –
10 फरवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में बीजेपी के डेलिगेशन ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग उठा दी थी.
आरोप लगाया गया था कि सीएम रहते हुए सोरेन ने 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज पर ले ली थी. बीजेपी ने इसे लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन माना और सीएम की इस्तीफे की मांग कर दी.
अब बीजेपी की शिकायत पर राज्यपाल ने मामला चुनाव आयोग को भेजा. चुनाव आयोग ने विस्तृत जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपते हुए हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहरा दिया गया. अब हेमंत की अयोग्यता पर राज्यपाल को फैसला लेना है.