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पुलिस ने दर्ज नहीं की एक बोरी गेहूं चोरी की रिपोर्ट तो कारोबारी ने थाने में दी जान, दो दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

कानपुर : एक कारोबारी द्वारा थाने में सुसाइड करने का मामला सामने आया है. कारोबारी के सुसाइड का मामला सामने आने के बाद दो दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर इसकी जांच एएसपी ग्रामीण को सौंपी है. बताया जा रहा है कि गेहूं की बोरी चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं होने के बाद कारोबारी ने थाने में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की है. वहीं परिजनों का कहना है कि एफआईआर दर्ज नहीं करने और मारपीट के बाद लॉकअप में बंद कर उसे पीटा गया है और इसके कारण कारोबारी की मौत हुई है.

वहीं कारोबारी की मौत की जानकारी मिलने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को दौड़ाया और रात में ही डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया. थाने में कारोबारी का सुसाइड का मामला सामने आने के बाद एसपी आउटर ने देर रात दो सिपाहियों और एक सिपाही को निलंबित कर दिया है और घटना की जांच एएसपी ग्रामीण को सौंपी है. जानकारी के मुताबिक गोपालपुर निवासी अरुण गुप्ता (50) का जहानाबाद रोड पर मकान है और पंकज पांडेय के सामने ही उनका गोदाम है. चार जनवरी को अरुण बरामदे में सो रहे थे और आरोप है कि गांव के मिथुन त्रिवेदी रात में गोदाम पहुंचे और अपनी साइकिल पर गेहूं की बोरी लोड करने के बाद भाग गए. पंकज के भतीजे और पड़ोसी बबलू ने देखा और हंगामा किया तो अरुण जाग गया और इस दौरान मिथुन भाग गया. वहीं अरुण चोरी की शिकायत लेकर पांच जनवरी को साढ़ थाने पहुंचा लेकिन थानाध्यक्ष ने उसे खदेड़ दिया.

परिजनों ने लगाया पुलिस पर मारपीट का आरोप
परिजनों का कहना है कि अरूण छह जनवरी को दोबारा थाने गए तो एसओ ने मारपीट कर लॉकअप में बंद कर दिया, जहां से देर रात उसे छोड़ा. व्यापारी अरुण शुक्रवार सुबह आठ बजे ग्राम प्रधान लल्ला सिंह के घर पहुंचे और आश्वासन के बाद फिर से थाने पहुंचे. बताया जा रहा है कि वह थाने में कार्यालय जाने के बजाय मेस की ओर गए और वहां पर बेहोश मिले. पुलिस उन्हें सीएचसी उर्सला ले गई, जहां उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पुलिस ने उनकी मौत से पहले रिपोर्ट दर्ज की थी. वहीं इस मामले में अब एसपी ने एसआई विनोद कुमार, कृष्णकांत और हेड मुहर्रिर सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया है.

सुबह नौ बजे पहुंचे थे थाने
फिलहाल इस मामले में थाने के बाहर पान की दुकान चलाने वाले का कहना है कि अरूण सुबह नौ बजे थाने पहुंचे थे और उसने उन्हें देखा था. इसके बाद करीब 09:30 बजे थाने में हड़कंप मचा और तब पता चला कि अरुण ने थाने के पीछे बनी मेस के पास जहर खा लिया है.

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