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PM MODI IN SINGAPORE : स्किल डेवलेपमेंट के लिए भारत आएं, काशी में निवेश करें – पीएम मोदी

PM MODI IN SINGAPORE: Come to India for skill development, invest in Kashi – PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर दौरे पर हैं. पीएम छह साल बाद सिंगापुर पहुंचे हैं. मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है. सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग ने गुरुवार को मुलाकात के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए. दोनों नेताओं ने सिंगापुर शहर में मुलाकात की और अपने द्विपक्षीय संबंधों को “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई. ये समझौता ज्ञापन डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र तथा शैक्षिक सहयोग और कौशल विकास पर केंद्रित हैं.

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर के शीर्ष कंपनियों के CEOs से मुलाकात की और भारत में निवेश करने की अपील की. उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “यह मेरा तीसरा कार्यकाल है. जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है. इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है. अगर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कोई एविएशन सेक्टर है, तो वह भारत में है. एमआरओ होना हमारी प्राथमिकता है. आपको (व्यवसायों को) एयरपोर्ट्स के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं. भारत में राजनीतिक स्थिरता है. हम सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहे हैं. हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं. भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. मैंने देखा कि जो एक विषय प्रमुख रूप से नजर आ रहा है, वह skill development का है. भारत में हम इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र को देखते हुए skill development पर बहुत बल दे रहे हैं. आप आइए, काशी में निवेश करें.”

उन्होंने कहा कि भारत की आवश्यकताओं के साथ स्किल डेवलपमेंट संबंध एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है. अगर आपकी कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें और ग्लोबल डिमांड का Analysis करें और उसके अनुसार भारत में स्किल डेवलपमेंट के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से एड्रेस कर सकते हैं. हमने पूरी दुनिया को एक वादा किया है. हम ग्लोबल वार्मिंग को एक चुनौती मानते हैं. हम सिर्फ अपनी संवेदना व्यक्त कर अटकने वाले लोग नहीं हैं, हम समाधान देने वाले लोग हैं.

पीएम ने कहा कि हमने 500 गीगावाट का लक्ष्य रखा है और 2030 तक हमें ये करना है. इसमें मैं न्यूक्लियर, हाइड्रो, सोलर और विंड पर जाना चाहता हूं. इसी प्रकार हमने बॉयो फ्यूल की पॉलिसी बनाई है. भारत इसको लीड करना चाहता है. ऊर्जा से जुड़े हुए ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां Green Jobs की पूरी संभावना है, हम इसमें पहल कर रहे हैं. मैं आपसे आग्रह करता हूं, आप भी आइए. भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा. आज फिनटेक की दुनिया में हमारा UPI, दुनिया में जितना रियल टाइम ट्रांजेक्शन होता है, उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है. फिनटेक की दुनिया में अगर ग्लोबल लीडर बनना है, तो भारत को केंद्र बिंदु बनाकर बड़ी आसानी से आप फिनटेक की दुनिया में आगे आ सकते हैं.

बता दें कि व्यापार और निवेश के लिहाज से प्रधानमंत्री का सिंगापुर का दौरा अहम है. आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. सिंगापुर दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है. सिंगापुर की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है. इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है.

भारत के लिए क्यों अहम है सिंगापुर?

मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है. भारत ने इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान शुरू की थी. इस पॉलिसी का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है.

चीन लगातार साउथ चाइना सी में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है. इस वजह से कई देशों से लगातार चीन का विवाद बना हुआ है. साउथ चाइना सी के कुछ हिस्से पर चीन अपना दावा करता है, जिसे लेकर क्षेत्रीय स्तर पर शांति प्रभावित होती रही है. ऐसे में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है.

 

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