Trending Nowशहर एवं राज्य

तिरछी नजर : ईओडब्ल्यू की सलेक्टिव छवि

 

ईडब्ल्यू-एसीबी पर आरोप लगता है कि वो सलेक्टिव है।यह बात गलत भी नहीं है। एजेंसी के मुखिया रहे दो ताकतवर अफसरों के खिलाफ अपराध दर्ज होना इस बात को प्रमाणित करता है। बताते हैं कि रमन सरकार में तो एजेंसी के अफसरों ने अखिल भारतीय सेवा के तीन पावरफुल अफसरों का काला चिट्ठा निकाल लिया था l पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की l एक के तो दिल्ली के एक शापिंग माल में दुकानों का भी पता चला था लेकिन जांच आगे नहीं की गई । उल्टे गोपनीय जानकारी देने वाले का यात्रा में काफी कुछ खर्च हो गया, लेकिन जांच आगे नहीं पाई । अफसर ने ऐसा तगड़ा राजनीतिक जुगाड़ लगाया है कि एजेंसी आज भी आसपास नहीं पहुंच पा रही है ।

सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ

सरकार के ज्यादातर बोर्ड की हालत पतली है । बोर्ड के कई पदाधिकारी अभी भी खाली हाथ हैं । खाद्य पदार्थ प्रसंस्करण से जुड़े एक बोर्ड के मुखिया कुछ दिन अतिरिक्त जुगाड़ में थे तो अफसरों ने उन्हें बैलेंस सीट ले जाकर दिखा दिया और साफ तौर बताया कि माली हालत खराब है और हाथ-मारने से देर सबेर जांच खड़ी हो सकती है । फिर भी बोर्ड के मुखिया ने कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी । मुखिया के साथ उनके साले भी साथ दफ्तर आते हैं और आते ही खाने पीने लग जाते हैं । अफसर भी ज्यादा कुछ पा रहे हैं । वैसे भी कहावत है सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ ।

बिल्डरों को सौगात

भूपेश सरकार हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ कर रही है । अब बिल्डरों को सौगात देने की तैयारी चल रही है । मास्टर प्लान तैयार हो रहा है और बिल्डरों के हितों को ध्यान में तक लैंड यूज परिवर्तन किया जा रहा है । इसका फ़ायदा यह होगा कि जमीन के कारोबार में बूम आएगा और लोगों को मकान सस्ता मिलेगा । बिल्डर मास्टर प्लान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ।

पुराने कक्ष से मोह

आईपीएस के 89 बैच के अफसर अशोक जुनेजा ने डीजीपी बनने के बाद भी पीएचक्यू में अपना पुराना कमरा नहीं छोड़ा है । वो लंच पुराने कमरे में ही करते हैं । चर्चा है कि जुनेजा एडीजी वाले पुराने कक्ष को शुभ मानते हैं । यहां आते ही वो पावरफुल हुए हैं और एक के बाद एक उन्हें अहम जिम्मेदारी मिलती गई है । उन्होंने थोड़े समय में बेहतर रिजल्ट भी दिए हैं । कुछ लोग उन्होंने अब तक का सबसे पावरफुल डीजीपी मानते हैं, तो यह गलत भी नहीं है ।

प्रभारी मंत्री की शिकायत

चर्चा है कि यूपी चुनाव के बाद सीएम भूपेश बघेल कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं। यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाया तो मंत्रियों के जिलों के प्रभार बदले जाएंगे । बताते हैं कि एक मंत्री को लेकर शिकायत पहुंची है कि वो अपने प्रभार वाले जिले में सरकारी योजनाओं की समीक्षा में रूचि लेने के बजाय कुछ प्रमुख लोगों के साथ पार्टी करते रहते हैं ।

advt_01dec2024
carshringar
Advt_160oct2024
Share This: