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तिरछी नजर : आलोक को सुरक्षा 

आलोक को सुरक्षा

स्वास्थ्य मंत्री टीएस. बाबा के जमीन घोटाले को उजागर करने के लिए कई वर्षों से ही सक्रिय भाजपा पार्षद आलोक दुबे को सुरक्षा के लिए दो पुलिस जवान मिल गए हैं। दो दशकों तक पार्षद टी.एस. बाबा के संरक्षण में ही बनें। आलोक की शिकायत पर राज्य के सभी भाजपाईयों ने टी.एस. बाबा का साथ देकर एक नया राजनीतिक संदेश दिया है। आलोक अब भाजपा में अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। उनसे भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं जरूरी कागजात मांगे हैं, इसी तरह एक नया खुलासा होने की भी चर्चा है, देखना है क्या होता है?

चर्चित चेहरे होंगे किनारे

यूपी, पंजाब चुनाव के अंतिम चरण के समय से छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन व सरकार में चुस्त-दुरस्त कवायद शुरू हो सकती है। भाजपा नेताओं ने भी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर खाका खींचना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय नेताओं के दौरे तेज होंगे। कांग्रेस सरकार अपने प्रशासन की कमजोरियों को अच्छी तरह समझने लगी है। इस कमजोरी की मंथन चल रही है। मार्च से कसावट का असर दिखने भी लगेगा। कई चर्चित चेहरे किनारे लगाने की तैयारी है।

भाजपा मीडिया को मिली शबासी

पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह की मीडिया टीम गोपनीय तरीके से छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर पहुंचकर तमाम स्थितियों को आंकलन किया। टीम ने प्रदेश मीडिया टीम के काम-काज की प्रशंसा की और पीठ थपथपाई। इस टीम के एक प्रमुख सदस्य को यूपी चुनाव में मीडिया मैनेज की जिम्मेदारी भी मिल गई है। छत्तीसगढ़ भाजपा मीडिया सेल की प्रशंसा पर आश्चर्य करते हुए भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी ही नहीं पचा पा रहे हैं।

फैसले में दिखा सख्त प्रशासन

ढीला प्रशासन और फैसले के अमल नहीं होने के जुमले लगभग हर सरकार में चलते हैं लेकिन भूपेश सरकार में फटाफट फैसले और जमीनी तौर पर अमल पर विश्वास किया जाता है। इसका ताजा उदाहरण पिछले कैबिनेट में लिए गए फैसले और आदेश में सब कुछ दिखता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की 26 जनवरी की घोषणा के बाद 1 फरवरी को कैबिनेट बैठक में दिखी। सुबह मुहर लगा और दोपहर को आदेश निकालने मंत्रालय को कापी भेज दी गई। शाम को आफिस बंद होने के पहले पांच दिन के कार्यदिवस सहित अन्य सभी फैसले के आदेश निकल गए।

मूणत से खफा पार्टी नेता

पूर्व मंत्री राजेश मूणत को थाने में पुलिस कर्मियों के साथ धमकी भरे अंदाज में बात करना भारी पड़ गया l पुलिस कर्मियों ने पहले तो उन्हें समझाया और फिर उनकी ठुकाई कर दी l मूणत, रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं । ऐसे में संगठन के नेता मूणत के पक्ष में जुट गए । लेकिन पार्टी के अंदरखाने में मतभेद भी उभर आए हैं एक पदाधिकारी ने प्रदेश संगठन के कर्ता धर्ता को घटना का वीडियो शेयर कर मूणत को ही गलत ठहरा दिया है । अब आगे की रणनीति को लेकर पार्टी के असमंजस में हैं।

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